पुर्णिमा का श्राद्ध 29 सितंबर को करें,
पहला यानी पड़वा का श्राद्ध 30 सितंबर को दोपहर 12:22 से पहले करें
,उसके बाद द्वितीय यानि दुज का श्राद्ध शुरू हो जायेगा तो दुज वाले दुज का श्राद्ध करें
1 अक्टूबर को प्रात 9:42 तक दुज रहेगी
उसके बाद तृतीय तिथि यानी तीज का श्राद्ध करें,
चौथ का श्राद्ध 2 अक्टुबर को करें
3 अक्टुबर को पंचमी तिथि का श्राद्ध करें
4 अक्टूबर को छठ का तिथि श्राद्ध करें
5 अक्टूबर को सप्तमी का श्राद्ध करें
6 अक्टूबर को अष्टमी तिथि का श्राद्ध करें
7 अक्टूबर को नवमी तिथि का श्राद्ध करें
8 अक्टूबर को दशमी तिथि का श्राद्ध प्रातः 10:13 के बाद या
9 अक्टूबर को दोपहर 12:37 तक करें
10 अक्टूबर को एकादशी तिथि का श्राद्ध करें
11 अक्टूबर को द्वादशी तिथि का श्राद्ध करें
12 अक्टूबर को त्रयोदशी तिथि का श्राद्ध करें
13 अक्टूबर को चौदस का श्राद्ध करें
14 अक्टूबर को तिथि अमावस्या का श्राद्ध करें
एसजेवीएन ने आईआईटी दिल्ली के सहयोग से टनलिंग पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया
शिमला: विद्युत राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने आज नई दिल्ली में एसजेवीएन द्वारा "टनलिंग" पर आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय...
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