शिमला : हिमाचल प्रदेश में संयुक्त किसान मंच ने आज उपचुनावों के बीच जवाब दो सरकार अभियान शुरू किया। इस कड़ी में जुब्बल-कोटखाई, फतेहपुर और अर्की विधानसभा क्षेत्रों सहित मंडी लोकसभा क्षेत्र में मंच ने पोस्टर लगाने शुरू किए हैं। पोस्टर के माध्यम से मंच सरकार की उपेक्षापूर्ण नीति के खिलाफ लोगों को जागरूक कर रहा है। साथ ही इसमें सरकार से ये सवाल भी पूछे हैं :
क्या सेब के लिए समर्थन मूल्य की मांग नाजायज है? क्या सभी फसलों के लिए एमएसपी मांगना गलत है? क्या दो महीने बाद भी किसानों-बागवानों को बातचीत के लिए न बुलाने की सरकार की नीति सही है? आदि।
इस जागरूकता पोस्टर को मंच ने सोशल मीडिया पर लांच किया था। दो दिन बाद यानी 26 अक्तूबर से इन सभी चुनाव क्षेत्रों में आम लोगों को मंच द्वारा पर्चे बांटे जाएंगे। अभी तक हजारों समर्थकों ने सोशल मीडिया पर मंच का पोस्टर शेयर कर भी दिया है।
मंच के संयोजक हरीश चौहान और सह संयोजक संजय चौहान ने कहा कि मंच की कार्यकारिणी की बैठक में सरकार के किसान-बागवान विरोधी रवैये के खिलाफ आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया है। इसी कड़ी में उपचुनावों के दौरान मतदान से पहले जवाब दो सरकार अभियान शुरू किया है। इस के तहत ऐसे क्षेत्रों में जहां उपचुनाव हो रहे हैं, वहां लोगों को पर्चे बांट कर सरकार की किसान विरोधी नीति से अवगत करवाया जाएगा। इसके लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। जुब्बल-कोटखाई विधानसभा क्षेत्र के अलावा मंडी संसदीय सीट के तहत आने वाले रामपुर, कुल्लू, किन्नौर और करसोग में संयुक्त किसान मंच की इकाइयां गठित हैं। इन सभी क्षेत्रों में मंच जागरूकता अभियान चलाएगा।
उन्होंने कहा कि बागवान सरकार से नाराज़ चल रहे हैं, क्योंकि दो माह पहले 24 अगस्त को सरकार को मांग पत्र भेजा गया। 13 सिंतबर को ब्लॉक, तहसील, उपमंडल व जिला स्तर पर प्रदर्शन हुए। 27 सितंबर को संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद के आह्वान पर संयुक्त किसान मंच ने अपनी मांगों को लेकर बंद व प्रदर्शन किए। बावजूद इसके सरकार ने सुध नहीं ली। सरकार की अनदेखी से आहत मंच ने किसान विरोधी नीतियों के विरुद्ध संघर्ष तेज करने का फैसला लिया है।