शिमला: एसजेवीएन लिमिटेड ने डीवीसी कमांड क्षेत्र के अंतर्गत उपलब्ध लगभग 2000 मेगावाट की संभावित सौर ऊर्जा के दोहन के लिए दामोदर वैली कारपोरेशन (डीवीसी) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया। नवीकरणीय ऊर्जापरियोजनाओं की स्थापना के लिए एसजेवीएन तथा डीवीसी कमांड क्षेत्र के तहत उपयुक्त जलाशयों, जल निकायोंएवं उपलब्ध भूमि कोएसजेवीएन तथा डीवीसी संयुक्त रूप से चिन्हित करेंगे।
यह समझौता ज्ञापन अखिलेश्वर सिंह, निदेशक(वित्तत), एसजेवीएन तथा एम. रघुराम, सदस्य (तकनीकी), दामोदर वैली कारपोरेशन द्वारा एसजेवीएन तथा डीवीसी के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताशक्षरित किया गया। हाल ही में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी 26) में कहा कि भारत का वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पन्न करने का लक्ष्य है।
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, नन्द लाल शर्मा ने अवगत करवाया कि यह पहल भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप है तथा यह एसजेवीएन को पूरे भारत में अपने फुटप्रिंट का विस्तार करने के साथ-साथ उत्पायदन क्षमता में वृद्धि के अपने साझा विजन वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, वर्ष 2030 तक 12000 मेगावाट तथा वर्ष 2040 तक 25000 मेगावाट की स्थानपित क्षमता को प्राप्त करने में सक्षम बनाएगी।
शर्मा ने यह भी कहा कि आज हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के अंतर्गतएसजेवीएन और डीवीसी के कमांड क्षेत्रों के भीतर विभिन्न स्थानों परएसजेवीएन तथा डीवीसी नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना के विकास के लिए एक संयुक्त उपक्रम कंपनी के गठन की संभावना की तलाश करेगा। डीवीसी के प्रबंधन के अंतर्गत बड़े जलाशय उपलब्धत हैं, जिनका उपयोग फ्लोटिंग सौर ऊर्जा फार्म स्थापित करते हुए सौर ऊर्जा के दोहन के लिए किया जा सकता है। भारत सरकार ने सभी के लिए 24X7 निर्बाध तथा किफायती स्वेच्छस ऊर्जा की परिकल्पना की है।
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