शिमला : गर्दन में दर्द से हम सभी परिचित हैं, और मुमकिन है कि इस समस्या को सभी ने महसूस भी किया होगा। लेकिन इस दर्द को गम्भीरता से न ले, तथा इस प्रकार का दर्द व्यक्ति को एक चुनौतीपूर्ण स्थिति में डाल सकता है तथा ये सर्वाइकल पेन भी हो सकता है। सर्वाइकल पेन गर्दन में होने वाला दर्द या सूजन है और जिसे ठीक करने के लिए लोग तरह-तरह के व्यायाम, योगा इत्यादि करते हैं।यदि समय रहते सर्वाइकल का इलाज न हो तो यह गंभीर हो सकता है, इसलिए लोगों को इसके विषय में ज्यादा से ज्यादा जानकारी लेनी चाहिए ताकि इसे कंट्रोल किया जा सके ।
सर्वाइकल पेन के सामान्य कारण व लक्षण नीचे दिए गए हैं। यदि आप इससे बचना चाहें तो कारणों को ध्यान से पढ़े तथा सबक लेते हुए अपनी दिनचर्या में बदलाव लाने का प्रयास करें।
कारण :-
सर्वाइकल पेन सर्वाइकल स्पोंडिलोलिसिस या ऑस्टियोआर्थराइटिस के कारण होने वाला दर्द है। इस स्थिति में हड्डियों, डिस्क या जोड़ों में परिवर्तन होते हैं जो गर्दन से जुड़े होते हैंऔर देखा गया है कि यह अक्सर बुज़ुर्ग लोगों को प्रभावित करता हैं।
यह ज़रूरी नहीं है कि गर्दन में दर्द किसी बीमारी की वजह से ही हो. लंबे समय तक एक ही स्थिति में दबाव पड़ना (लगातार ऊपर देखने या नीचे देखने से), गलत स्थिति में सोना, तनाव होना या गले में भारी हार पहनना भी इसकी वजह हो सकती है। जाने और कारण :
1.गलत पॉश्चर अपनाना- दुनिया की एक बड़ी आबादी कंप्यूटर या लैपटॉप स्क्रीन के सामने बैठकर अपने काम को अंजाम दे रही है। यकीनन इससे विभिन्न प्रकार के फायदे हासिल होते हैं, लेकिन इससे गर्दन पर बुरा प्रभाव भी पड़ता है और यह सर्वाइकल पेन का कारण बन जाता है।
2.चोट- विप्लेश नामक इंजरी तब घटित होती है जब किसी व्यक्ति का सिर पीछे की ओर जाने के बाद अचानक से तेज़ गति के साथ आगे आता है। ये भी सर्वाइकल पेन के मुख्य कारणों में से एक है।
3.तनाव- दिमागी तनाव के कारण भी गर्दन की मांसपेशियां जकड़ सकती हैं जिस वजह से दर्द उत्पन्न हो जाता है।
4.कुछ मौकों पर सर्वाइकल पेन साधारण गतिविधियों के दौरान भी हो सकता है। जैसे कि एकदम किसी दिशा में घूमना, एक्सरसाइज़ के दौरान, या फिर किसी वस्तु को उठाते समय।
- गर्दन में झटका या दबाव: कईं बार ऐसा होता है कि गर्दन में न चाहते हुए किसी प्रकार को झटका या दबाव आ जाता है और दर्द के बावजूद हम उसे इग्नोर कर देते हैं और भार उठाने जैसे काम करते रहते हैं । ऐसे में पूरे आसार हैं कि व्यक्ति को सर्वाइकल हो जाए । यदि गर्दन में कभी चोट लगी हो, तो भी हो सकता है कि भविष्य में उसे सर्वाइकल हो जाए । इसलिए अगर चोट ताज़ी है तो उसका फौरन इलाज कराएं ।
- रीढ़ में खिंचाव: रीढ़ की हड्डी के बीच में खिंचाव भी सर्वाइकल का बड़ा कारण बनता है और इसका उपचार माइक्रोडिस्केक्टॉमी सर्जरी से किया जाता है।
- गलत सोने के कारण: अगर आपको यह पता नहीं है कि आप गलत तरीके से सोते हैं या नहीं, तो फौरन सोने के सही तरीकों पर गौर कीजिए । क्योंकि गलत तरीके से सोना भी मंहगा पड़ सकता है । यह भी सर्वाइकल होने कायबड़ा कारण हैं । गलत मुद्रा में सोने से रीढ़ की हड्डी पर दबाव आता है और यह दबाव पीठ से गर्दन में पड़ता है ।
- तनाव के कारण : कईं लोग इस बात को नकारते हैं लेकिन सर्वाइकल होने की एक बड़ी वजह तनाव भी है । तनाव जब व्यक्ति की शारीरिक सीमा को पार करता है तो उसका असर उसके शरीर पर पड़ता है और इसकी वजह से उसे सर्वाइकल हो सकता हैं।
लक्षण :
सर्वाइकल पेन के लक्षण आरंभ में ही दिखाई देने लगते हैं। यदि शरीर में भी यह लक्षण दिख रहे हैं, तो फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। - ऐंठन होना : अगर गर्दन या हाथ-पैरों की मांसपेशियों में किसी प्रकार की ऐंठन आती है और बैचेनी महसूस होती है तो यह भी सर्वाइकल हो सकता है ।
- हाथ-पैरों में कमज़ोरी और सूजन : यदि हाथ और पैरों में सूजन या किसी प्रकार की कमज़ोरी महसूस हो रही है तो यह सर्वाइकल के लक्षण हो सकते हैं । सूजन के साथ हाथ-पैरों में कमज़ोरी आने से व्यक्ति थकान महसूस करने लगता है ।
- चलने-फिरने में दिक्कत : अगर आपको सामान्य तौर पर चलते-फिरते हुए गर्दन में किसी प्रकार के दर्द का अहसास बार-बार होता है, तो इसे गंभीरता से लेने की आवश्यकता है ।
- आंतों की प्रक्रिया में बदलाव : इस बात का विशेष ध्यान रखें कि अगर आंतों की कार्यप्रणाली में किसी प्रकार का कोई बदलाव आया है और यह बदलाव लंबे समय से हो रहा है तो यह भी सर्वाइकल हो सकता है, इसलिए डॉक्टर से परामर्श लें । डॉक्टरों की परामर्श के बिना न कोई एक्सरसाइज करें और न ही कोई उपचार करें तथा इसे हल्के में न लें।क्योंकि ये आम तौर पर देखा गया है कि सर्वाइकल के गंभीर होने की सबसे बड़ी वजह लोगों का रवैया है । कईं लोग इसे हल्के में लेकर टाल जाते हैं और कईं लोग मानते हैं कि इसका कोई इलाज नहीं है और इसीलिए वह इसका इलाज नहीं खोज पाते, परंतु सर्वाइकल का इलाज पूरी तरह मुमकीन है ।
सामान्य उपचार :
यदि कोई सर्वाइकल से ग्रस्त है, तो उसे कुछ योगासन जैसे – सूर्यनमस्कार,भुजांगासन और व्रकासन राहत देंगे ।
इसके अलावा सर्वाइकल के इलाज के लिए आयुर्वेद में कईं तरह की दवाएं और थेरेपी हैं जो सर्वाइकल को पूरी तरह खत्म कर सकती हैं। साथ ही फीज़ियो-थेरेपी भी पेशेंट को राहत दे सकती है।