शिमला : आउटसोर्स कर्मचारियों के बाद अब जेबीटी डीएलएड संयुक्त मोर्चा ने भी उपचुनावों के बीच अपनी मांगों को लेकर मोर्चा खोल दिया है। इस कड़ी में मोर्चा ने जेबीटी भर्ती के लिए बनाए गए आरएंडपी (भर्ती एवं पदोन्नति) नियमों से बीएड करने वालों को बाहर करने को लेकर अपनी मुहिम को तेज कर दिया है। इस कड़ी में जेबीटी डीएलएड संयुक्त मोर्चा ने सरकार को फैसला लेने के लिए 28 अक्तूबर तक की मोहलत दी है। साथ कि चेतावनी दी है कि यदि पक्ष में फैसला नहीं आया तो उपचुनावों में सरकार का विरोध किया जाएगा। इसके अलावा संयुक्त मोर्चा ने सोशल मीडिया पर जस्टिस फॉर जेबीटी अभियान भी चला दिया है।
जेबीटी डीएलएड संयुक्त मोर्चा के संयोजक रवि नेगी ने कहा कि 28 अक्तूबर को यदि जेबीटी के केस का निर्णय नहीं लिया गया तो मौजूदा सरकार के खिलाफ जेबीटी पास विद्यार्थी मोर्चा खोलेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के 40 हजार बेरोजगार विद्यार्थी पिछले 3 सालों से भर्ती का इंतजार कर रहे हैं। मौजूदा आरएंडपी नियमों में बीएड का जेबीटी की पोस्ट के लिए कोई स्थान नहीं है, फिर भी इस मामले को सरकार के ढीले रवैये के कारण कोर्ट में लटकाया जा रहा है। सरकार की इस लापरवाही के चलते बीते तीन सालों से मानसिक और आर्थिक रूप से विद्यार्थियों को परेशान किया जा रहा है। नेगी ने कहा कि आज स्थिति यह है कि जेबीटी के छात्र दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। मौजूदा सरकार ने यदि समय रहते हुए सही निर्णय नहीं लिया तो आने वाले उपचुनाव में सत्ताधारी पार्टी को इसका नुकसान उठाना पड़ेगा।
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