ओपीएस के मुद्दे पर होगी दोनों राजनीतिक दलों में जंग
शिमला : हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत कांग्रेस व भाजपा ने अपने अपने घोषणा पत्र जारी कर दिए हैं कांग्रेस ने जहां प्रतिज्ञा पत्र 2022 को जारी किया है तो वही भाजपा ने संकल्प पत्र 2022 को जारी किया है । दोनों पत्रों पर नजर दौड़ाई जाए तो पुरानी पेंशन बहाली को लेकर प्रदेश में मचे बवाल के दृष्टिगत कांग्रेस पार्टी ने भाजपा पर बढ़त बना ली है । जहां कांग्रेस ने पुरानी पेंशन को सरकार बनते ही पहली कैबिनेट में बहाल करने का भरोसा एनपीएस कर्मचारियों को दिया है वही भाजपा के संकल्प पत्र में ओपीएस को लेकर किसी भी तरह का कोई भरोसा नहीं दिया गया है। यहां तक की ओपीएस का भाजपा के संकल्प पत्र में जिक्र भी नहीं है जिस से यह स्पष्ट है कि भाजपा ओपीएस के मुद्दे पर कांग्रेस से पिछड़ गई है। दूसरी ओर युवाओं को रोजगार देने के मुद्दे पर भाजपा भले ही कांग्रेस पर 20 साबित हो रही हो लेकिन सरकारी क्षेत्र में युवाओं को रोजगार देने के मामले मे कांग्रेस भाजपा पर भारी पड़ती दिख रही है। कांग्रेस ने जहां सरकारी क्षेत्र में एक लाख पद भरने की बात कही है तो वही इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी का संकल्प पत्र मौन है । हालांकि भाजपा का घोषणा पत्र जारी करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने यह कहा है कि वह अगले 5 वर्षों में आठ लाख रोजगार देने के अवसर तलाशेंगे। जबकि कांग्रेस ने अगले 5 वर्षों में पांच लाख पद विभिन्न माध्यम से बेरोजगारों के लिए देने की बात की है । भाजपा ने जहां छात्राओं को स्कूटी व साइकिल देने की बात की है वही कांग्रेस ने हटके महिलाओं को हर महीने 15 सो रुपए देने की बात की है। बिजली मुफ्त देने की मुद्दे पर भी कांग्रेस ने बाजी मारी है कांग्रेस ने जहां 300 यूनिट बिजली फ्री देने की बात की है वही भाजपा ने हालांकि इस मुद्दे को छुआ नहीं लेकिन राज्य में 125 यूनिट बिजली पहले से ही फ्री मिल रही है। लेकिन कांग्रेस ने इसे बढ़ाने की बात कहकर अपनी काबिलियत का परिचय दिया है । स्वास्थ्य के क्षेत्र में जहां भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में 5 नए मेडिकल कॉलेज हजीरा में खोलने की बात की है वही कांग्रेस ने अपने प्रतिज्ञा पत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने पर ज्यादा बल दिया है युवाओं के लिए 600 करोड़ का स्टार्टअप फंड बनाने की जहां कांग्रेस ने बात की है तो वहीं भाजपा ने 900 करोड़ का स्टार्टअप फंड बनाने की बात की है । भाजपा ने हिमाचल प्रदेश में सत्ता में आने पर समान नागरिक संहिता लागू करने की बात की है जबकि कांग्रेस के घोषणा पत्र में इस बार है कोई बात नहीं । हालांकि समान नागरिक संहिता की बात भाजपा ने उत्तराखंड चुनाव में भी की थी लेकिन भाजपा शासित कोई भी राज्य अभी तक समान नागरिक संहिता अपने राज्य में लागू नहीं कर पाया है । कुल मिलाकर अगर दोनों पार्टियों के संकल्प व प्रतिज्ञा पत्र पर नजर दौड़ाई जाए तो कांग्रेस भाजपा पर ओपीएस के मुद्दे में भारी पड़ती दिखाई दे रही है। गौरतलब है कि हिमाचल में ओ पी एस का मुद्दा बड़ी शिद्दत के साथ कर्मचारियों द्वारा उठाया जा रहा हैिं और इसके लिए उन्हें जनता का समर्थन भी प्राप्त है क्योंकि हिमाचल 70 लाख की आबादी वाला राज्य है जिसमें सरकारी क्षेत्र में 3 लाख कर्मचारी हैं जिनमें डेढ़ लाख कर्मचारी ओ पी एस कैटेगरी से बाहर है और वह लंबे समय से इसकी मांग कर रहे हैं । बहरहाल अब देखना यह है कि अपने अपने पत्रों के माध्यम से जनता को रिझाने में कौन सी पार्टी कामयाब होती है।
भाजपा के संगठनात्मक दृष्टि से नए मण्डलों के गठन हेतु समिति गठित
शिमला : भारतीय जनता पार्टी-हिमाचल प्रदेश प्रदेश कार्यालय द्वारा जारी एक अधिसूचना दिनांक 23.11.2024, के अंतर्जात भारतीय जनता पार्टी के...
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