पार्ट टाइम कर्मियों को रेगुलर करने का समय नहीं होगा कम – मुख्यमंत्री
प्रदेश के 29 विधानसभा हलकों में इस साल स्वीकृत नहीं हुआ एक भी एक भी पेयजल कनेक्शन
शिमला : हिमाचल प्रदेश के विभिन्न विभागों में काम कर रहे पार्ट टाइम वर्कर्स को रेगुलर करने की समय सीमा को सरकार कम नहीं करेगी। सरकार द्वारा 28 दिसंबर 2021 को जारी आदेशों के अनुसार पार्ट टाइम कर्मियों को दैनिक वेतन भोगी के रूप में परिवर्तित करने की तय समय को 8 साल से घटाकर 7 साल किया गया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुधवार को विधानसभा के मॉनसून सत्र के पहले दिन प्रश्नकाल के दौरान विधायक सतपाल रायजादा द्वारा पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने बताया कि 28 दिसंबर के आदेशों के अनुसार पार्ट टाइम वर्कर्स के रेगुलर करने की समय सीमा को घटाने पर सरकार कोई विचार नहीं रखती है।
विभागों, निगमों और बोर्डों में करूणामूलक आधार पर नौकरी के 3456 मामले लंबित
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विधायक विनय कुमार, राकेश सिंघा, पवन काजल और संजय अवस्थी के संयुक्त सवाल के लिखित जवाब में जानकारी दी कि प्रदेश के विभिन्न निगमों, बोर्डों और विभागों में करूणामुलक आधार पर नौकरील के 3456 मामले लंबित हैं। इनमें विभागों में 2556 और बोर्डों व निगमों में 900 मामले लंबित हैं। उन्होंने जानकारी दी कि सरकार ने पिछले तीन सालों के भीतर विभागों, निगमों और बोर्डों में करूणामूलक आधार पर 1218 लोगों को रोजगार दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने करूणामूलक आधार पर नौकरी देने के लिए आय सीमा को डेढ़ लाख रुपए प्रति वर्ष, प्रति परिवार से बढ़ाकर ढाई लाख रुपए प्रतिवर्ष, प्रति परिवार कर दिया है।
सेब कार्टन पर जीएसटी की दरों को कम करना केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में – महेंद्र सिंह
बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि सेब कार्टन पर जीएसटी की दरों का कम करना केंद्र सरकार पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि बागवानों को राहत देने के लिए राज्य सरकार ने जीएसटी पर 6 प्रतिशत की छूट देने का निर्णय लिया है। एचपीएमसी और खुले बाजार से खरीदे गए पैकेजिंग सामग्री पर जीएसटी का लाभ लेने के लिए बागवानों को कार्टन और ट्रे का जीएसटी भुगतान बिल, कैश मेमो और आधार से जुड़े बैंक खाते का रिकॉर्ड देना होगा। तभी उन्हें इस छूट का लाभ दिया जाएगा।
प्रदेश के 29 विधानसभा हलकों में इस साल 20 जुलाई तक नहीं लगा एक भी नल
भले ही केंद्र और राज्य सरकार जल जीवन मिशन में हर घर नल से जल देने का खूब ढिंढोरा पीट रही है, लेकिन हकीकत यह है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान राज्य के 29 विधानसभा हलकों में 20 जुलाई तक एक भी नल जनजीवन मिशन के तहत नहीं लगा है। जबकि अर्की में तीन और बड़सर में केवल एक घर में ही इस योजना के तहत नल लगा है। जिन विधानसभा हलकों में चालू वित्त वर्ष के दौरान हर घर नल से जल योजना के तहत एक भी नलका नहीं लगा, उनमें चुराह, भरमौर, चंबा, डलहौजी, भटियात, देहरा, जसवां परागपुर, ज्वालामुखी, नगरोटा बगवां, लाहौल-स्पीति, द्रंग, बल्ह, हमीरपुर, चिंतपूर्णी, गगरेट, ऊना, कुटलैहड़, घुमारवीं, झंडुता, श्री नैनादेवी जी, दून, सोलन, कसौली, श्री रेणुका जी, पांवटा साहिब, शिमला शहरी, रामपुर और किन्नौर शामिल है। यह जानकारी जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने बुधवार को विधानसभा में विधायक नरेंद्र ठाकुर द्वारा पूछे गए एक सवाल के लिखित उत्तर में दी। महेंद्र सिंह ने जानकारी दी कि शिमला शहरी विधानसभा हलके में बीते तीन सालों के दौरान इस योजना के तहत एक भी नल नहीं लगा है। उन्होंने जानकारी दी कि राज्य सरकार ने पिछले तीन सालों के भीतर प्रदेश में 8 लाख 69 हजार 440 नए कनेक्शन दिए हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 से 20 जुलाई 2022 तक सुलह विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 27723 नल के नए कनेक्शन लगाए गए हैं। इस दौरान धर्मपुर हलके में 13529 और सराज में 18 हजार 928 नल के नए कनेक्शन लगाए गए हैं।
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