शिमला : आज से शरदीय नवरात्रे शुरू हो गए हैं। क्रम अनुसार सबसे पहले पहाड़ों की देवी मां शैलपुत्री का दिन
होता है। अच्छी सेहत और हर प्रकार के भय से मुक्ति दिलाती हैं
मां शैलपुत्री । इनकी आराधना से स्थिर आरोग्य और जीवन निडर होता है। व्यक्ति चुनौतियों से घबराता नहीं बल्कि उसका सामना करके जीत हासिल करता है ।
आज माँ को घी का भोग लगावे – रोग मुक्त होंगे
प्रथम मंत्र – ॐ एम ह्रीं कलीम चामुडाये विच्ये ( 9 माला )
बाद में मां शैलपुत्री का मंत्र इस प्रकार है – “विशोका दुष्टदमनी शमनी दुरितापदाम् । उमा गौरी सती चण्डी कालिका साच पार्वती।।“ इसका जाप सही उच्चारण के साथ ही करें। ( 27 बार यह मन्त्र करे )
..(लक्की)
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