धर्मशाला : तपोवन में चले रहे विधानसभा शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन आज सदन की कार्यवाही शुरू होते ही पक्ष-विपक्ष में तीखी नोकझोंक हुई तथा कांग्रेस ने वॉकआउट किया है। कांग्रेस ने स्थगन प्रस्ताव के जरिये प्रश्नकाल न कराकर पुलिस कर्मियों की समस्या पर चर्चा की मांग कर रहे थे, जिसे विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने अस्वीकार कर दिया।
इसके बाद कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते रहे और वेल में आ पहुंचे। और बाद में विधायकों ने वाकआउट कर लिया। हालांकि, प्रश्नकाल खत्म होते ही कांग्रेस विधायक सदन में लौट आए थे। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने पत्रकारों से अनोपचारिक बातचीत में कहा कि पुलिस कर्मियों के मुद्दों पर सदन से वाकआउट किया गया। कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में ही पुलिस के मुद्दे सुलझाने की मांग की है। पुलिस कर्मियों में असंतोष है। कांग्रेस विधायक दल के चीफ विहिप जगत सिंह नेगी ने कहा कि पुलिस कर्मियों के परिजनों पर दर्ज मुकदमे वापिस लिए जाएं और शांतिपूर्वक अपनी बात कहने आए परिजनों पर कार्रवाई करना गलत है।
इस दौरान मंत्री राकेश पठानिया ने पुलिस कर्मियों के साथ अन्याय के लिए पूर्व की कांग्रेस सरकार को कसूरवार ठहराया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 2015 में अधिसूचना जारी कर पुलिस को बांड के तहत 8 वर्ष तक अनुबंध पर लाया था। वन मंत्री ने कांग्रेस के वाकआउट करने पर कहा कि कांग्रेस नेता पुलिस कर्मचारियों के मुद्दे पर गुमराह कर रहे हैं। 2003 में ओल्ड पेंशन स्कीम की व्यवस्था भी पूर्व कांग्रेस सरकार की ही देन है।
इससे पहले, सत्र के पहले दिन शुक्रवार को सवर्ण आयोग पर काफी हंगामा हुआ था। सदन के बाहर समर्थकों ने जमकर हल्ला बोला था। सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी। बाद में सरकार ने सवर्ण आयोग की मांग मानते हुए इसके गठन को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दी थी।
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