शिमला : शारदीय नवरात्रि का आज अंतिम दिन है और देवी के नवें रूप को सिद्धिदात्री कहा जाता है। ये सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं।नवरात्रि-पूजन के नौवें दिन इनकी उपासना की जाती है। इस दिन शास्त्रीय विधि-विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ साधना करने वाले साधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है।
माँ सिद्धिदात्री आपको जीवन में अद्भुत सिद्धि, क्षमता प्रदान करती हैं ताकि आप सबकुछ पूर्णता के साथ कर सकें। सिद्धि का क्याअर्थ है? सिद्धि, सम्पूर्णता का अर्थ है – विचार आने से पूर्व ही काम का हो जाना। आपके विचारमात्र, से ही, बिना किसी कार्य किये आपकी इच्छा का पूर्ण हो जाना यही सिद्धि है। आपके वचन सत्य हो जाएँ और सबकी भलाई के लिए हों। आप किसी भी कार्य को करें वो सम्पूर्ण हो जाए – यही सिद्धि है। सिद्धि आपके जीवन के हर स्तर में सम्पूर्णता प्रदान करती है। यही देवी सिद्धिदात्री की महत्ता है।
नव दुर्गाओं में मां सिद्धिदात्री अंतिम हैं। मार्कण्डेय पुराण के अनुसार अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व व वशित्व-ये आठ सिद्धियां होती हैं। ब्रह्मवैवत्र्त पुराण में श्रीकृष्ण जन्मखंड में ये सिद्धियां अठारह बताई गईं हैं। मां सिद्धिदात्री भक्तों को ये सभी सिद्धियां प्रदान करने में समर्थ हैं। देवीपुराण के अनुसार भगवान शिव ने इनकी कृपा से ही इन सिद्धियों को प्राप्त किया था। इनकी अनुकम्पा से भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ था। इसी कारण वह अर्धनारीश्वर नाम से प्रसिद्ध हुए।
शक्ति की सर्वोच्च देवी माँ आदि-पराशक्ति, भगवान शिव के बाएं आधे भाग से सिद्धिदात्री के रूप में प्रकट हुईं। माँ सिद्धिदात्री अपने भक्तों को सभी प्रकार की सिद्धियों को प्रदान करती हैं। यहां तक कि भगवान शिव ने भी देवी सिद्धिदात्री की सहयता से अपनी सभी सिद्धियां प्राप्त की थीं। माँ सिद्धिदात्री केवल मनुष्यों द्वारा ही नहीं बल्कि देव, गंधर्व, असुर, यक्ष और सिद्धों द्वारा भी पूजी जाती हैं। जब माँ सिद्धिदात्री शिव के बाएं आधे भाग से प्रकट हुईं, तब भगवान शिव को र्ध-नारीश्वर का नाम दिया गया। माँ सिद्धिदात्री कमल आसन पर विराजमान हैं।
सवारी: शेर
अत्र-शस्त्र: चार हाथ – दाहिने हाथ में गदा तथा चक्र, बाएं हाथ में कमल का फूल शंख व शंख शोभायमान है।
ग्रह: केतु
शुभ रंग:
बैंगनी। ऐसा माना जाता है कि माँ सिद्धिदात्री का मनपसंद रंग बैंगनी है तो इस दिन बैंगनी रंग पहनना बहुत शुभ माना जाता है।
मंत्र :
या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
इसके अलावा
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सिद्धिदात्र्यै नम के जाप से आप माँ दुर्गा के नौवें स्वरुप माँ सिद्धिदात्री की पूजा कर सकते हैं ।
किस रंग के कपड़े पहनें
साधक आज के दिन पूजा में सफेद या लाल के वस्त्र धारण करें।
कौन सी मनोकामनाएं होती हैं पूरी
इनके पूजन से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। गृहस्थ लोगों को सभी सांसारिक सुख प्राप्त होते हैं।
आज के दिन का महत्व
नवदुर्गाओं में मां सिद्धिदात्री अंतिम हैं। इनके पूजन से आठ प्रकार की सिद्धियों की प्राप्ति होती है। इनकी कृपा से भक्त को अलौकिक सुख मिलता है और वह मोक्ष प्राप्त कर सकता है।