शिमला : ऐतिहासिक गेयटी थियेटर शिमला में छतीस रानियों का महाराज तथा महारथी का मंचन किया गया। इन दोनों नाटकों का मंचन हिमालयन कला संस्कृति मंच व भाषा एवं संस्कृति विभाग ने किया। नाटक में हिमालयन कला संस्कृति मंच व भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा गत 35 दिनों की कार्यशाला में तैयार हुए कलाकारों ने हिस्सा लिया। दोनों ही नाटकों में कलाकारों ने बेहतर अभिनय किया, जिसकी वहां मौजूद सभी लोगों ने सराहना की।
छतीस रानियों का महाराज नाटक के लेखक रमा ठाकुर व निर्देशक पूजा है। ये नाटक समाज की वर्तमान स्थिति को दर्शाता है। इसमें दिखाया गया है कि समाज किस तरह से जात पात, छुआ छूत, धर्म के मकड़ जाल में फंसा हुआ है। नाटक के माध्यम से यह भी दिखाया गया है को आज के समय में पश्चिमी संस्कृति की ज्यादा महत्व दे रहे है। हमें स्वदेशी को अधिक अपनाना चाहिए। इसमें देश की समस्याओं को भी उजागर किया। इस नाटक में राजा का किरदार गौरव ने निभाया। वहीं मंत्र का अतुल सेक्रेटरी का जल कौर, कश्मीर की रानो का खोरा, जिरको का चन्नमलिया, सुंदरी का किरदार और सिपाही का किरदार राकेश ने निभाय है। वहीं महारथी नाटक महाभारत के महा योद्धा कर्ण पर आधारित है।