शिमला, 4 सितम्बर : हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पर्यावरण कानूनों के प्रभावी कार्यान्वयन के संबंध में हितधारक विभागों के लिए समन्वय – 2021 कार्यशाला का आयोजन किया गया। राज्य स्तरीय कार्यशाला आज होटल पीटरहॉफ शिमला में आयोजित की गई जिसका उद्घाटन अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त, कार्मिक, पर्यावरण विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी हिमाचल प्रदेश सरकार एवं अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्राण बोर्ड प्रबोध सक्सेना द्वारा किया गया। राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, जिला प्रशासनिक अधिकारी, शहरी स्थानीय निकाय, उद्योग, होटल और चिकित्सा संघों एवं मीडिया के प्रतिनिधियों ने कार्यशाला में भाग लिया ।
प्रबोध सक्सेना, द्वारा अपने उद्घाटन संबोधन में पर्यावरण नियमों को प्रभावी ढंग से प्रदेश में लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया । उन्होंने आगे कहा कि समन्वित और परामर्शी प्रयासों के अलावा, हर स्तर पर सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने से राज्य में पर्यावरण अधिनियमों और नियमों के अनुपालन स्तर मे सुधार करने का अवसर मिलेगा ।
उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए मानवीय व्यवहार में बदलाव अत्यन्त आवश्यक है और साथ ही राज्य बोर्ड़ से अपने कार्यों में सतर्कता, सख्ती और पारदर्शिता लाने का आहवाहन किया। उन्होंने राज्य के लोगों की उच्चतम शैक्षणिक, आर्थिक और जागरूकता स्तर को देखते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण और पर्यावरण कानूनों के प्रभावी कार्यान्वयन के क्षेत्रा में देश में आदर्श राज्य बनने की क्षमता है ।
अपने संबोधन में उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अपशिष्ट नियमों की पुनः समीक्षा करते हुए सभी श्रेणियों के नियमों जैसे नगरपालिका ठोस कचरा अपशिष्ट, प्लास्टिक अपशिष्ट, ई कचरा, जैव चिकित्सा अपशिष्ट, परिसंकटमय और अन्य अपशिष्ट, निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट के प्रबंधन सेे सम्बंधित सभी नियमों को हाल ही में संशोधित किया है। उपरोक्त संशोधित नियमों के प्रभावी कार्यान्वयन से प्रदेश में प्रदूषण नियंत्राण एवं पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा ।
उन्होंने राज्य बोर्ड़ द्वारा समन्वय-2021 के आयोजन के प्रयासों की सराहना करते हुए आशा व्यक्त की कि इसके परिणामस्वरूप हमें राज्य में पर्यावरण कानूनों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक समन्वित (रोड मैप) विकसित करने में सफलता प्राप्त होगी और इसी प्रकार के परामर्शात्मक प्रयास को क्षेत्राीय/जिला स्तर पर आयोजन करने की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि प्रदूषण नियंत्राण एवं पर्यावरण संरक्षण को एक जन आंदोलन के रूप में विकसित करने और इसे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाने की आवश्यकता है।
सदस्य सचिव, हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्राण बोर्ड़ अपूर्व देवगन ने अपने स्वागत भाषण में समन्वय – 2021 कार्यशाला के उद्देश्यों को रेखांकित करते हुए कहा कि पर्यावरण नियमों में उद्योगों, शहरी स्थानीय निकायों, स्वास्थ्य संस्थानों, जिला प्रशासन, राज्य सरकार एवं प्रदूषण नियंत्राण बोर्ड़ के कर्तव्य एवं उत्तरदायित्व स्पष्ट रेखांकित है। इसलिए सभी हितधाराकोें द्वारा पर्यावरण की गुणवत्ता में वांछित सुधार हासिल करने और पर्यावरण कानूनों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए समन्वित प्रयास की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य बोर्ड़ द्वारा पर्यावरण कानूनों के कार्यान्वयन में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी और उल्लंघनकर्ता से नियमों के तहत सख्ती से निपटा जाएगा ।
इस अवसर पर राज्य बोर्ड़ के विशेषज्ञों ने विभिन्न विषयों पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण देते हुए नियमों के कार्यान्वयन में वर्तमान स्थिति एवं कमियों को उजागर करते हुए भविष्य के लिए एक प्रभावी एवं समयबद्ध रूपरेखा प्रस्तुत की ।
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