शिमला : मानवधिकार दिवस के अवसर पर आल इंडिया फेडरेशन आफ टीचर आर्गेनाईजेशन ने कहा मानवाधिकार शिक्षा में अध्यापकों की भूमिका अहम् । ज जारी एक सयुक्त प्रेस बयान में आल इंडिया फेडरेशन आफ टीचर आर्गेनाईजेशन के ने बताया कि मानवाधिकार शिक्षा के प्रति जागरूक करने मे देश भर के अध्यापक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हे उल्लेखनीय है कि
हर साल 10 दिसंबर को ‘अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस’ मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र ने 1950 में 10 दिसंबर के दिन को मानवाधिकार दिवस घोषित किया था, जिसका उद्देश्य विश्वभर के लोगों का ध्यान मानवाधिकारों की ओर आकर्षित करना था !आल इंडिया फेडरेशन आफ टीचर्स आरगेनाइजेशन के राष्ट्रिय अध्यक्ष डॉ अश्वनी कुमार , सेक्ट्री जनरल सी.एल.रोज पैटर्न डी.वी.पंडित, रमेश जोशी रमेश भाई पटेल जनार्धन रैंडी पंकज भाई पटेल,
एस .एल .सोमानी ,कार्यकारी अध्यक्ष हितेष भाई पटेल , सलाऊद्दीन ,रश्मि सिंह , वित्त सचिव रणजीत सिंह राजपुत्त , राष्ट्रिय प्रेस सचिव प्रेम शर्मा , सलाहकार राजेंद्र खशिया, उपाध्यक्ष सतपाल भूरा, एन जी रेडडी, श्रीपाल रेडडी,सालिगराम प्रजापति ,श्रीमती शिल्पा नायक चेयरपर्सन महिला विग ,उप सचिव सोनल के पटेल , रजनीश राणा, रंजीत सिंह ने बताया कि देश भर के शिक्षक इस दिशा में स्कूलों में विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को मानवाधिकारों का क्या महत्त्व है इस सम्बन्ध में जागरूक कर रहे है ! वर्चुअल माध्यम से विभिन्न प्रकार के वेबिनार प्रतियोगिताओ प्रदर्शनियों का आयोजन कर जागरूकता का संदेश दें रहें हैं उन्होने बताया कि
मानवाधिकार दिवस लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है. मानवाधिकार में स्वास्थ्य, आर्थिक सामाजिक, और शिक्षा का अधिकार भी शामिल है. मानवाधिकार वे मूलभूत नैसर्गिक अधिकार हैं जिनसे मनुष्य को नस्ल, जाति, राष्ट्रीयता, धर्म, लिंग आदि के आधार पर वंचित या प्रताड़ित नहीं किया जा सकता मानव अधिकार और शिक्षा एक दूसरे से घनिष्ठ रूप से जुड़े हैं। मानव अधिकारों को समाज में स्थापित करने के लिए यह जरूरी है कि मानवीय गरिमा और प्रतिष्ठा के बारे में जन-जागरूकता लाई जाए ।फेडरेशन के पदाधिकारियों ने बताया कि देश भर में स्कूलों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है जिनके माध्यम से मानवीय अधिकारों के प्रति जागरूकता लाई जा सके ! फेडरेशन राष्ट्रिय अध्यक्ष डॉ अश्वनी कुमार और राष्ट्रिय प्रेस सचिव प्रेम शर्मा ने बताया कि जागरूकता और चेतना के लिए शिक्षा ही सर्वाधिक उपयुक्त साधन है इस दृष्टि से शिक्षा के अधिकार के अंतर्गत ही मानावाधिकारों की शिक्षा भी शामिल है। यहाँ शिक्षा का उद्देश्य और उसका दायरा भी अत्यंत विस्तृत है। इसमें व्यक्तित्व का समग्र विकास सबसे महत्वपूर्ण है। जिसकी परिधि में बैद्धिक, मानसिक, नैतिक और शारीरिक विकास समाहित है। ऐसी शिक्षा ही समाज में शोषण और उत्पीड़न पर रोक लगाने में कारगर सिद्ध हो सकती है। इसी से संवेदना, सहिष्णुता और शांति का मार्ग प्रशस्त होगा। शिक्षा में सैद्धांतिक पहलुओं के साथ-साथ व्यावहारिक पहलू पर विशेष रूप से ध्यान देना होगा। तभी हम जीवन की उन कठोर सच्चाइयों से परिचित हो सकेंगे जिनकी जड़ गरीबी, शोषण और भेदभाव की मानसिकता में है। हमारा कर्तव्य है कि हम नौजवान पीढ़ी को अच्छी संस्कारों और गुणों से पोषित करें और इस दिशा में अध्यापकों का योगदान हमेशा सराहनीय रहा हैं
आल इंडिया फेडरेशन आफ टीचर ओरगेनाजेशनफेडरेशन के पदाधिकारियों ने बताया कि देश भर में स्कूलों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है जिनके माध्यम से मानवीय अधिकारों के प्रति जागरूकता लाई जा सके ! फेडरेशन राष्ट्रिय अध्यक्ष डॉ अश्वनी कुमार और राष्ट्रिय प्रेस सचिव प्रेम शर्मा ने बताया कि जागरूकता और चेतना के लिए शिक्षा ही सर्वाधिक उपयुक्त साधन है इस दृष्टि से शिक्षा के अधिकार के अंतर्गत ही मानावाधिकारों की शिक्षा भी शामिल है। यहाँ शिक्षा का उद्देश्य और उसका दायरा भी अत्यंत विस्तृत है। इसमें व्यक्तित्व का समग्र विकास सबसे महत्वपूर्ण है। जिसकी परिधि में बैद्धिक, मानसिक, नैतिक और शारीरिक विकास समाहित है। ऐसी शिक्षा ही समाज में शोषण और उत्पीड़न पर रोक लगाने में कारगर सिद्ध हो सकती है। इसी से संवेदना, सहिष्णुता और शांति का मार्ग प्रशस्त होगा। शिक्षा में सैद्धांतिक पहलुओं के साथ-साथ व्यावहारिक पहलू पर विशेष रूप से ध्यान देना होगा। तभी हम जीवन की उन कठोर सच्चाइयों से परिचित हो सकेंगे जिनकी जड़ गरीबी, शोषण और भेदभाव की मानसिकता में है। हमारा कर्तव्य है कि हम नौजवान पीढ़ी को अच्छी संस्कारों और गुणों से पोषित करें और इस दिशा में अध्यापकों का योगदान हमेशा सराहनीय रहा है।
एसजेवीएन ने डीपीई के सहयोग से सीपीएसई के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशकों एवं निदेशकों के लिए दो दिवसीय ओरिएन्टेशन कार्यक्रम का आयोजन किया
शिमला: एसजेवीएन सार्वजनिक उद्यम विभाग (डीपीई) के सहयोग से धर्मशाला में ‘केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों (सीपीएसई) के अध्यक्ष एवं प्रबंध...
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