शिमला : हिमाचल प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ लंबे समय से सरकार के सम्मुख अपनी बात रखकर मांगो को मनवाने का प्रयत्न कर रहा है। हालांकि जब 2017 में प्रदेश के मुख्यमन्त्री जय राम ठाकुर बने तो आउटसोर्स कर्मचारियों को बडी उम्मीद थी क्योंकि उससे पिछली सरकार के समय विधानसभा में जयराम ही अकेले विधायक थे जिन्होने आउटसोर्स कर्मचारियों की मांगे रखी थी।
शैलेन्द्र शर्मा ने कहा की हाल ही में सरकार ने आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति निर्धारित करने के लिए महेन्द्र सिंह ठाकुर की अध्यक्षता जो कमेटी गठित की है उसके लिए मुख्यमन्त्री जी के दिल से शुक्रगुजार है। इतने लम्बे समय से हजारों कर्मचारी सरकार के समक्ष अपनी समस्याएं लेकर बात कर रहे थे। इस वक्त सभी कर्मचारियों में खुशी की लहर है क्योंकि इतने लम्बें समय से अब जाकर किसी ने उनकी सुध ली है।
इस समय कर्मचारियों के लिए गठित कमेठी द्वारा सभी विभागों से आउटसोर्स कर्मचारियों का ब्यौरा मांगा है। जिसके लिए एक सप्ताह का समय दिया था। लेकिन बहुत से कर्मचारियों की शिकायत है एक सप्ताह बीत जाने पर भी बहुत से विभागों में ब्यौरे को लेकर कोई पत्र नहीं आया है। जिससे हजारों कर्मचारी का ब्यौरा कमेटी तक नहीं जा पाएगा और सरकार द्वारा बनाई जा रही नीति के अंदर आने से वे लोग चुक जाएंगे। हि0 प्र0 आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष की ओर से निवेदन है कि सभी कर्मचारी अपने-अपने विभागाध्यक्ष के संपर्क में रहे तथा सभी अपना ब्यौरा कमेटी तक पहुंचाना सुनिश्चित करें।
मांगो को लेकर अध्यक्ष ने कहा कि उन्होने मांग पत्र पहले ही मुख्य मन्त्री जयराम ठाकुर को दिया है तथा सभी मन्त्रीगणों और विधायकों की ओर से भी सरकार तक भेजा है। मांगों में मुख्य रूप से नियमितिकरण की मांग, न्यूनतम वेतन 18000 तथा समय पर वेतन के साथ वार्षिक वेतन वृद्धि, नौकरी की सुरक्षा, ई पी एफ में पारदर्शिता तथा कमीशन में आरक्षण इत्यादि है। हमें भरोसा है सरकार हजारों कर्मचारियों के भविष्य को देखते हुए उन की से मांगे अवश्य पूरी करेंगें। महासंघ को आशा है कि सरकार सभी युवाओं के सपनों एवं उम्मीदों को निराश नहीं करेंगे।
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