शिमला : हिमाचल प्रदेश में असुरक्षित यौन संबंध की बजाय अब नशीले इंजेक्शन साझा करने से एड्स की रफ्तार बढ़ रही है। पिछले 14 वर्षों के आंकड़े सामने आने के बाद इस नए ट्रेंड का तुलनात्मक खुलासा हुआ है। प्रदेश में वर्ष 2007 में ड्रग्स लेने वालों में यह संक्रमण दर एक फीसदी थी, जो अब 1.06 फीसदी पहुंच गई है। यानी यह 0.6 फीसदी बढ़ी है। हालांकि, इसका राष्ट्रीय औसत 6.26 फीसदी है। दरअसल, नशा लेने वाले युवा ड्रग्स लेते हुए एक ही सीरिंज का उपयोग कर रहे हैं। इसी से संक्रमण फैल रहा है। राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी के जुटाए आंकड़ों से यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
सुखद बात यह है कि प्रदेश मेें 15 से 49 साल की कुल जनसंख्या में वर्ष 2007 के बाद से अब तक संक्रमण की रफ्तार 67 फीसदी तक कम हुई है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह दर 35 फीसदी है। राज्य में वर्तमान में एचआईवी के साथ जी रहे और उपचार ले रहे लोगों की संख्या 4752 है। इनमें 204 मासूम बच्चे भी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि 80 फीसदी एक्टिव मरीजों को दवा दी जा रही है। 79 फीसदी का वायरल लोड कम हुआ है। 84 फीसदी को डायग्नोज कर दिया है। वर्ष 2025 तक 95 फीसदी मरीजों को चिह्नित करना होगा और इनका इलाज करना होगा।
उच्च जोखिम समूह के ट्रेंड की बात करें तो फीमेल सेक्स वर्कर में 0.08, पुरुष से पुरुष यौन संबंध वालों में 0.82 फीसदी, जेल में बंद कैदियों में 0.8 फीसदी और आईडी ड्रग्स यूजर्स यानी सीरिंज को शेयर कर नशे का सेवन करने वालों में संक्रमण के फैलने की दर 1.06 फीसदी है।
प्रदेश में 4752 एचआईवी मरीज
कांगड़ा 1249
हमीरपुर 958
मंडी 588
ऊना 554
बिलासपुर 413
शिमला 253
सोलन 223
कुल्लू 171
चंबा 127
सिरमौर 62
किन्नौर 20
लाहौल स्पीति 05
गैर हिमाचली 129
हिमाचल प्रदेश एड्स नियंत्रण सोसायटी के राज्य परियोजना अधिकारी घनश्याम सिंह ने बताया कि राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी विभिन्न विभागों, संस्थाओं और रिबन क्लबों के साथ मिलकर 1 से 31 दिसंबर के बीच एड्स दिवस मनाएगी। इस वर्ष का थीम ‘असमानताओं को मिटाएं और एड्स का अंत करें’ है। सोसायटी जिला और खंड स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन करेगी।