शिमला: नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन ने अवगत करवाया कि एसजेवीएन ने सोलर एनर्जी कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसईसीआई) के साथ 200 मेगावाट ग्रिड कनेक्टेड पवन विद्युत परियोजना के लिए एक विद्युत क्रय समझौते (पीपीए) पर हस्ताक्षर किए हैं।
नन्द लाल शर्मा ने बताया कि एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एसजीईएल) एक पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्थ कंपनी है, जिसने भारत में कहीं भी 1200 मेगावाट ग्रिड से जुड़ी पवन विद्युत परियोजनाओं की स्थापना के लिए विंड पावर डेवलपर्स के चयन हेतु एसईसीआई द्वारा आयोजित टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया में हिस्सा लिया। एसजीईएल ने खुली प्रतिस्पर्धी टैरिफ बोली प्रक्रिया में बिल्ड ओन एंड ऑपरेट (बीओओ) आधार पर 3.24 रुपए प्रति यूनिट के टैरिफ पर 200 मेगावाट हासिल किया।
शर्मा ने आगे कहा कि 200 मेगावाट पवन विद्युत परियोजना ईपीसी करार के माध्यम से भारत में कहीं भी एसजीईएल द्वारा विकसित की जाएगी। इस परियोजना के आबंटन के साथ, एसजेवीएन का पवन पोर्टफोलियो अब 497.6 मेगावाट हो गया है। 97.6 मेगावाट की संचयी क्षमता वाली दो परियोजनाएं प्रचालनाधीन हैं और 400 मेगावाट की संचयी क्षमता वाली शेष तीन परियोजनाएं विकास के विभिन्न चरणों में हैं।
नन्द लाल शर्मा ने बताया कि इस परियोजना के विकास की संभावित लागत 1400 करोड़ रुपए है। इस परियोजना की कमीशनिंग के पश्चात प्रथम वर्ष में 482 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन होने की आशा है और 25 वर्षों की अवधि में अनुमानित संचयी ऊर्जा का उत्पादन 12050 मिलियन यूनिट है। यह परियोजना नवंबर 2025 तक अर्थात पीपीए पर हस्ताक्षर की प्रभावी तिथि से 24 माह के भीतर कमीशन कर दी जाएगी।
यह क्षमता वृद्धि नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में एसजेवीएन के फुटप्रिंट को सुदृढ़ करेगी और वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 50 प्रतिशत स्थापित क्षमता के भारत सरकार के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता करेगी। इससे कंपनी के वर्ष 2026 तक 12000 मेगावाट के नए मिशन और वर्ष 2040 तक 50,000 मेगावाट की स्थापित क्षमता के महत्वाकांक्षी साझा विजन को हासिल करने में भी सहायता मिलेगी