शिमला : शरदीय नवरात्रे कल यानि 7 अक्तूबर से शुरू हो रहे हैं। इस बार भी नवरात्रों में शक्तिपीठों में दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को कोविड पोटोकॉल का पालन करना होगा, क्योंकि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। शक्तिपीठ प्रात: 4 बजे से रात 10 बजे तक खुले रहेंगे, लेकिन कोरोना के खतरे को देखते हुए नवरात्र में प्रदेश के शक्तिपीठों में मंदिर के बाहर से दर्शन करने होंगे। इस दौरान न तो खुला प्रसाद मिलेगा और न ही बिना मास्क प्रवेश की अनुमति होगी। इसमें प्रमुख रुप से माता ङ्क्षचतपूर्णी और ब्रजेश्वरी से बाहर से माता के ङ्क्षपडी रुप के दर्शन होंगे। प्रदेश के अन्य प्रमुख शक्तिपीठों और जिन मंदिरों में अधिक संख्या में श्रद्धालु आते हैं, वहां पर भी दूर से ही दर्शन होंगे। इसके लिए सभी डी.सी. को निर्देश जारी कर दिए हैं, जिसमें कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करने को कहा गया है। कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत मंदिर परिसर को रोजाना सैनिटाइज किया जाएगा और अनावश्यक रुप से भीड़ को एकत्र नहीं होने दिया जाएगा। इसी तरह भंडारों को करने की अनुमति नहीं होगी। ऐसे शक्तिपीठ और मंदिर जहां पर पड़ौसी राज्य पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ से श्रद्धालुओं की भीड़ आती है, वहां पर श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। यानि मंदिर परिसर में बाकायदा थर्मल स्कैङ्क्षनक होगी और जो दिशा-निर्देशा बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों के लिए जारी हुई हैं, उस पर अमल करना होगा। उल्लेखनीय है कि इससे पहले चैत्र नवरात्र में भी धार्मिक स्थलों में प्रवेश पर बंदिशें लगाई गई थी।
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