गत 9 माह में हिमाचल में बनी 58 दवाओं के सैंपल हुए फेल
शिमला : सितंबर के ड्रग अलर्ट में हिमाचल में बनी 9 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं।देश भर की 43 दवाएं मानकों को पूरा नहीं कर पाई हैं।
हिमाचल प्रदेश के उद्योगों की दवाइयां केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रक संगठन के मानकों पर खरा नहीं उतर रही हैं। 9 माह के भीतर अकेले हिमाचल प्रदेश में बनी 58 दवाओं के सैंपल फेल हो चुके हैं।
ताजा ड्रग अलर्ट के अनुसार कोरोना के उपचार में सहायक दवा, दर्द निवारक, अल्सर, वैक्टीरियल इंफेक्शन, अस्थमा और बुखार आदि की दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। इनमें सोलन जिला में निर्मित चार, कांगड़ा दो और सिरमौर की तीन दवाएं शामिल हैं। प्रदेश के जिन दवाओं के सेम्पल फेल हुए हैं, उनमें सोलन जिले के आंजी स्थित मैक्सरिलीफ हेल्थ केयर कंपनी में कोरोना संक्रमण के दौरान रोगियों को दी जाने वाली दवा फेविपिराविर टेबलेट, बद्दी स्थित आईबीएन एर्बल कंपनी की दर्द निवारक डेक्लोफेनिक, झाड़माजरी के श्रीराम हेल्थ केयर की अल्सर की दवाई पेंटोप्रोजोल गेस्टो रेजिस्टेंट टेबलेट, कांगड़ा के संसारपुर टैरस स्थित टैरस फार्मास्युटिकल कंपनी की वैक्टीरिया डिजीज की दवा सेफिक्साइम डिस्पर्सिबल, सिरमौर के भंडारीवाला पुष्कर फार्मा के रक्त स्राव को रोकने के लिए ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन के तीन सैंपल अलग-अलग जगह फेल हुए हैं। कांगड़ा के ही केयर मैक्स फोरमुलेशन कंपनी की बुखार की दवाई पैरासिटामोल, बद्दी के थाना स्थित ऐश्वर्या हेल्थ केयर कंपनी की अस्थमा की बुडेसोनाइड नेब्यूलाइजर सस्पेशियस की दवा शामिल है, जिनके सैंपल फेल हो गए हैं।
याद रहे कि सितंबर में देश भर में 1227 दवाओं के सैंपल लिए गए थे, जिनमें 1184 ही मानकों पर खरा उतरे हैं। राज्य ड्रग कंट्रोलर नवनीत मरवाह ने बताया कि सैंपल फेल होने वाली कंपनियों को नोटिस जारी किए गए हैं। साथ ही इन कम्पनियों को बाजार से उन दवाओं के स्टॉक हटाने के लिए निर्देश भी जारी किए हैं, जिनके सेम्पल फेल हो गए है।