मुख्यमंत्री द्वारा केंद्र सरकार को सिकुड़े हुए दानों के लिए ढील देने की अपील
चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में मंत्रिमंडल ने आज गेहूँ की खरीद के चल रहे सीजन के दौरान सिकुड़े हुए दानों के नियमों को फिर विचारने के लिए राज्य सरकार की विनती को स्वीकार करने के लिए केंद्र सरकार के निर्णय का स्वागत किया है। इसके साथ ही केंद्र सरकार को नियमों में ढील देने के मसले पर जल्द आदेश जारी करने के लिए अपील करने का निर्णय भी किया गया।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के सचिव ने मंत्रिमंडल को गेहूँ की चल रही खरीद की प्रगति संबंधी अवगत करवाया। यह भी जानकारी दी गई कि मंडियों में 14.9 लाख मीट्रिक टन गेहूँ पहुँच चुकी है, जिसमें से 12 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूँ खऱीदी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि बीते दिन 5 लाख मीट्रिक टन की आमद हुई, जिसमें से 2 लाख मीट्रिक टन से अधिक की खरीद उसी दिन ही कर ली गई।
राज्य में सिकुड़े हुए दानों के नुकसान का मूल्यांकन करने के लिए केंद्रीय टीमों के जल्द गठन का स्वागत करते हुए मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार को यह भी अपील की कि वह अनाज के सिकुड़े हुए दानों के नियमों में बिना किसी मूल्य की कटौती के ढील दी जाए, क्योंकि किसानों को कम पैदावार के कारण पहले ही बहुत नुकसान झेलना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इस सम्बन्धी औपचारिक विनती पहले ही की जा चुकी है।
गौरतलब है कि अत्यधिक गर्मी के कारण कई स्थानों पर गेहूँ का दाना सिकुड़ गया है और इन मंडियों में आ रहे अनाज में 6 प्रतिशत की मंजूरशुदा तस सीमा से अधिक दाना सिकुड़ा हुआ है। इसके उपरांत भारत सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने कल राज्य में अनाज की हद का मूल्यांकन करने के लिए पाँच टीमों का गठन किया था। टीमें रास्ते में हैं और मंडियों में आ रहे सिकुड़े हुए अनाज की हद का मूल्यांकन करने के लिए जल्द ही राज्य में पहुँचेंगी। यह डेटा नियमों में उचित ढील देने संबंधी अंतिम निर्णय लेने के लिए भारत सरकार की मदद करेगा।