शिमला : नीले आसमान के लिए स्वच्छ हवा के अंतर्राष्ट्रीय दिवस” के उपलक्ष्य में, हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मंगलवार को अपने क्षेत्रीय कार्यालयों और गैर-प्राप्त शहरों के वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण हितधारकों के साथ एक जन-जागरूकता बैठक का आयोजन किया। इसके अलावा, विभिन्न क्षेत्रीय कार्यालयों ने इस अवसर परराज्य के गैर-प्राप्ति शहरों के विभिन्न स्थानों पर आरटीओ और स्थानीय पुलिस के सहयोग से प्रदूषण जांच, पीयूसी जांच, ईंधन मिलावट, प्रेशर हॉर्न, ध्वनि प्रदूषण जांच (साइलेंसर चेक) आयोजित करने के लिए वाहन निगरानी शिविर भी आयोजित किए।
इस अवसर पर सदस्य सचिव हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अपूर्व देवगन (आईएएस) ने कहा कि स्वच्छ हवा में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की बढ़ती दिलचस्पी के बाद, और मानव स्वास्थ्य की रक्षा ववायु गुणवत्ता में सुधार के लिए और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता पर बल देते हुए, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 7 सितंबर को “नीले आसमान के लिए स्वच्छ हवा के अंतर्राष्ट्रीय दिवस” के रूप में नामित किया है।
इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय दिवस का विषय “स्वस्थ वायु, स्वस्थ ग्रह” है जो COVID-19 महामारी के दौरान वायु प्रदूषण के स्वास्थ्य प्रभावों पर विशेष रूप से जोर देता है।
हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का उद्देश्य वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के तहत राज्य में वायु प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण और उपशमन द्वारा वायु पर्यावरण की स्वच्छता को बढ़ावा देना है। वायु गुणवत्ता निगरानी, वायु गुणवत्ता प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। राष्ट्रीय वायु निगरानी कार्यक्रम (NAMP) के तहत कुल 25 निगरानी स्टेशन स्थापित किए गए हैं, जिसका उद्देश्य वर्तमान वायु गुणवत्ता की स्थिति को निर्धारित करना और वायु गुणवत्ता मानकों को पूरा करने के लिए उद्योगों तथा अन्य स्रोतों से प्रदूषण को नियंत्रित करना है। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उद्योग केसंभावित वायु प्रदूषण, इंजीनियरिंग डिजाइन और प्रस्तावित वायु प्रदूषण नियंत्रण प्रणालियों के मूल्यांकन के बाद ही किसी भी उद्योग को स्थापित करने की सहमति (consent to establish) दी जाती है।
इस अवसर को मनाने के लिए, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दिल्ली ने 7 सितंबर 2021 को एक वेब-पोर्टल अर्थात् PRANA (Portal for Regulation of Air Pollution in Non-Attainment Cities) लॉन्च किया, जिसे https://dev-ncap.knowledgelens.com/#/NCAPTrackerपर देखा जा सकता है। यह ध्यान देने योग्य है कि शहरों को गैर-प्राप्ति (non-attainment towns) तभीघोषित किया जाता है यदि 5 साल की अवधि में वे लगातार पीएम10के लिए राष्ट्रीय परिवेश वायु गुणवत्ता मानकों (NAAQS) को पूरा नहीं करते हैं। हिमाचल प्रदेश में सात गैर-प्राप्ति नगर/शहर (non-attainment towns) हैं, जिनके नाम बद्दी, परवाणू, काला अंब, पांवटा साहिब, नालागढ़, सुंदरनगर और दमताल हैं। राज्य बोर्ड ने समय-बद्ध तरीके से इन शहरों के वायु प्रदूषण को रोकने के उद्देश्य से राज्य के सभी हितधारक विभागों के परामर्श से राज्य के प्रत्येक गैर-प्राप्ति नगर की कार्य योजना तैयार की है।
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