ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों विकल्प दें सरकार : डा संजय पांडे
मांग पूरी ना होने पर दी कोर्ट जाने की चेतावनी
शिमला: हिमाचल प्रदेश में सरकार द्वारा स्कूलों में सभी कक्षाओं को शुरू करने का अभिभावक विरोध कर रहे हैं। प्राइवेट स्कूल पेरेंट एसोसिएशन शिमला ने सरकार से छात्रों के ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों विकल्प देने और छोटे बच्चों को स्कूल बुलाने के कैबिनेट के फैसले को वापस लेने की मांग की है। अब जब कि 15 नवंबर को पहली और दूसरी के बच्चों की भी नियमित कक्षाएं शुरू होने वाली है। पेरेंट एसोसिएशन ने साफ कहा है कि यदि सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेती तो पेरेंट एसोसिएशन कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा। पेरेंट एसोसिएशन के सलाहकार डा संजय पांडे ने शिमला में पत्रकार वार्ता आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार से बंद कमरे में कैबिनेट कर स्कूलों में सभी कक्षाओं की नियमित पढ़ाई शुरू करने का फैसला तो ले लिया है, लेकिन इस फैसले का अभिभावक विरोध कर रह है। अभिभावकों के मन में अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर बड़े सवाल हैं, प्रदेश सरकार ने आठवीं से बारहवी कक्षा की नियमित कक्षाएं शुरू की है, जिसका अभिभावकों ने स्वागत किया, लेकिन 5 साल के छोटे बच्चों के लिए यह फैसला अभी ठीक नहीं हैं। सरकार को कोविड-19 के पूरे तरह खत्म होने का इंतजार करना चाहिए, तब तक ऑनलाइन क्लास जारी रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने किस आधार पर यह फैसला लिया इसकी जानकारी सार्वजनिक की जानी चाहिए। अभिभावकों को जानने का अधिकारी है कि स्कूल प्रबंधनों द्वारा कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए क्या व्यवस्थाएं की है।
उन्होंने मांग की अभिभावकों को तय करने की छूट दी जाएगी कि वह अपने बच्चों को स्कूल भेजना चाहते है कि नहीं। उन्होंने प्रदेश सरकार से कैबिनेट के फैसले में संशोधन करने या वापस लेने की मांग की है और कहा कि यदि फिर भी सोमवार से छोटे बच्चों के लिए स्कूल खोले जाते है तो पेरेंट एसोसिएशन कोर्ट जाएगी। साथ ही उन्होंने 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए कोविड टीकाकरण कार्यक्रम जल्द शुरू करने की भी मांग की। इस अवसर पर वरिष्ठ सदस्य अनिल गोयल ने कहा कि इस संबंध में पेरेंट एसोसिएशन डीसी से मिले है और कुछ प्राइवेट स्कूलों के आफलाइन कक्षाएं शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि स्कूल स्टाफ की वेतन बढ़ौतरी का हवाला देकर पूरी फीस ले रहे है, ऐसे में श्रम आयुक्त को स्कूलों का निरीक्षण कर जांच करनी चाहिए। इसके अलावा पेरेंट एसोसिएशन के सदस्य अभिभावक संदीप वर्मा और रीना ने कहा कि बच्चों को सिर्फ 10 से 15 दिन के लिए स्कूल बुलवाने का फैसला तर्क संगत नहीं है, वह कोविड-19 के चलते अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते। साथ ही अभिभावकों को सिर्फ ट्यूशन फीस लिए जाने की भी मांग की।
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