केलांग : हिमाचल प्रदेश में दुर्गम जिले लाहौल-स्पीति के छालिंग गांव की सोनम अंगमो ने वह कर दिखाया जो बड़े बड़े शहरों में रहने वाले बच्चे नहीं कर पाए। कड़ी मेहनत के बाद अब इस हिमाचल की बेटी को देश के टॉप आईआईटी में प्रवेश मिलना लगभग तय है। सोनम अंगमो ने जेई एडवांस में एसटी वर्ग में देश भर में 70वा रैंक हासिल किया है। सोनम अंगमो और उनका परिवार मयाड़ घाटी के जिस छालिंग गांव में रहता है, वहां आजादी के दशकों बाद भी न तो मोबाइल नेटवर्क है और न ही इंटरनेट सुविधा। परिवार का पालन-पोषण खेतीबाड़ी से होता है। इसके बावजूद माता पदमा देचिन और पिता नोरबू का हौसला नहीं डगमगाया। अंगमो भी मजबूत हौसले और कुछ कर गुजरने के जज्बे को लेकर आगे बढ़ती रहीं।
सोनम अंगमो ने पांचवीं तक की पढ़ाई राजकीय प्राथमिक स्कूल छालिंग से की है। इसके बाद अंगमो ने स्पीति के लरी नवोदय स्कूल में दाखिला पाया। 10वीं की पढ़ाई के बाद जेएनवी कुल्लू से 12वीं की परीक्षा पास की। उसके बाद जेईई मेन की परीक्षा दी और असंभव सी लग रही चुनौती को संभव कर दिखाया। जिस बेटी के माता-पिता कभी स्कूल की दहलीज तक नहीं पहुंचे, वह जेईई एडवांस्ड की परीक्षा के एसटी वर्ग में पूरे देश मे 70वें रैंक पर आई है। एडवांस परीक्षा की रैंकिंग के आधार पर दावा किया जा रहा है कि सोनम अंगमो को टॉप-5 आईआईटी में प्रवेश मिलेगा। वहीं, माता-पिता को अपनी बेटी की सफलता पर गर्व तो है लेकिन उन्हें यह पता नहीं कि आईआईटी क्या है। उन्हें बस यह पता है कि अब उनकी बेटी इंजीनियर बन सकती है। सोनम की इस कामयाबी से छालिंग गांव में खुशी का माहौल है। इससे पहले उन्होंने जेईई मेन्स की परीक्षा में 98.2 परसेंटाइल हासिल किए थे।