संगठनात्मक जिले बनाने वाली भाजपा अपने मंडलों की भी करेगी डिलिमिटेशन
शिमला : हिमाचल के 12 जिलों के 17 संगठनात्मक जिले बनाने वाली बीजेपी अब मंडलों में भी नया प्रयोग कर उनके आकार को छोटा करने जा रही है। अभी तक प्रदेश के मात्र चुनिंदा विधानसभा क्षेत्र ही थे, जहां भाजपा के दो व तीन मंडल थे, लेकिन अब सभी 68 मंडलों में नए प्लान के तहत विद इन पार्टी मंडलों के डिलिमिटेशन का काम चल रहा है। इसके लिए बाकायदा एक कमेटी का भी गठन किया गया है, जो क्षेत्र की भौगोलिक व राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए नए मंडलों का गठन का निर्णय लेगी। भाजपा इन दिनों मंडलों के डिलिमिटेशन का काम कर रही है। नए फार्मूले के मुताबिक 100 के बजाय एक मंडल में 40 से 60 बूथ तक हो सकते हैं, जबकि पुराने सिस्टम को देखें, तो एक मंडल में 100 से अधिक बूथ हैं। नए फार्मूले के मुताबिक मंडल अध्यक्ष ही नहीं, बल्कि दोनों मंडलों में युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, किसान मोर्चा से लेकर पूरी टीम का गठन करना होगा। इसकेे लिए पार्टी को हर विधानसभा क्षेत्र में सैकड़ों नए पदाधिकारी बनाने के लिए कार्यकर्ता बनाने होंगे। भाजपा ने 12 जिलों वाले हिमाचल को पहले ही 17 जिलों में बांट रखा है।
इसमें सर्वाधिक कांगड़ा जिला में कांगड़ा के अलावा नूरपुर, देहरा व पालमपुर को संगठनात्मक जिला बनाया गया है। इसके अलावा शिमला में महासू और मंडी में सुंदरनगर को संगठनात्मक कार्य के विभाजन की दृष्टि से जिला बनाया गया है। बीजेपी ऐसा कर जहां अपने कार्यकर्ताओं की लंबी फौज खड़ी रही है, वहीं प्रवासी कार्यकर्ता भी आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर बैठकें व कार्यक्रम कर लेते हैं। अब उसी तर्ज पर 68 विधानसभा क्षेत्रों के सीधे-सीधे 136 से अधिक मंडल बनना तो तय है