4 साल बाद वायदे और घोषणाएं नहीं, जनता को काम चाहिए : राणा
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने दागे सवाल, पूछा : उपचुनाव से पहले क्यों नहीं आई याद, महंगाई व बेरोजगारी पर क्या है नीति
शिमला, 1 अगस्त :
विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि गलती करने के बाद उसे सुधार लें तो प्रदेश के लोग माफ कर देते हैं, लेकिन वर्तमान सरकार में भूल-सुधार की गुंजाइश ही नहीं है। सरकार घबराई हुई है और अब फिर से उपचुनाव वाले क्षेत्रों में घोषणाएं कर रही हैं। गलतियों के साथ झूठे वायदे कर अपने हित साधने की सरकार की आदत बन चुकी है। धर्मशाला और पच्छाद विस क्षेत्र में भी प्रदेश सरकार की ऐसी ही कथनी-करनी रही है और अब एक लोकसभा व 3 विस चुनावों में हो रहे उपचुनावों में भी सरकार उसी परंपरा को निभा रही है। विधायक दल की बैठक में भाग लेने से पहले विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि प्रदेश के ऊपर कर्जा हजारों करोड़ रूपए है, ऐसे में सरकार को स्वीकृत कार्य पूरे करने चाहिए, न कि खोखली घोषणाओं में वक्त बिताना चाहिए। 4 साल बाद वायदे नहीं, जनता को काम चाहिए। उपचुनाव में ही संबंधित क्षेत्रों की सरकार को याद क्यों आईं ? उन्होंने कहा कि गलती हरेक इंसान से होती है और उसका पश्चाताप भी होता है, लेकिन ब्यूरोक्रेट्स की अंगुलियों पर चलने वाली सरकार अपनी धुन में ही मस्त है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में भूल-सुधार को जगह नहीं बची है, क्योंकि इस सरकार को ब्यूरोक्रेट्स चला रहे हैं। तभी पल-पल निर्णय बदले जाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश का मुखिया अधिकारियों का न होकर जनता का होता है, यह बात सरकार को समझ लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि करूणामूलक आधार पर नौकरी का इंतजार कर रहे कई युवा अब अधेड़ हो चुके हैं, लेकिन बंद दरवाजे से अपात्रों को नौकरी मिल रही है और पात्र धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। इन्हें सरकार रूला रही है, जोकि न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने पूछा कि उपचुनाव की आहट पाकर संबंधित लोकसभा व विस क्षेत्रों में मीठी चाशनी जैसी घोषणाएं करने वाले मुख्यमंत्री बताएं कि उन क्षेत्रों में पूर्व वीरभद्र सरकार में शुरू हुए व स्वीकृत कार्य कहां विलुप्त हो गए हैं। महंगाई और बेरोजगारी का सरकार ने क्या इलाज किया। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह अपने काम व नेक नीयत के लिए प्रदेश की जनता में अब भी जीवित हैं, लेकिन सरकार के कुछ लोग कांग्रेस पार्टी को बुरा-भला कहकर उनके पदचिन्हों पर चलने का दिखावा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह एक आदर्श स्थापित कर गए हैं, जिसमें खुद को ढालकर हमें उसी राह पर चलकर जनता की सेवा करनी है।