जनहित के मुद्दों को भूल कांग्रेस वॉकआउट में व्यस्त,बीजेपी ने फिर मूलभूत मुद्दों को भूला कर किया जनता को निराश:सुरजीत ठाकुर,आप अध्यक्ष
किसानों और बागवानों के मुद्दे को दरकिनार कर,बीजेपी कांग्रेस ने फिर किया साबित,किसान बागवान विरोधी दोनों दल,आपस में खेल रहे फ्रेंडली मैच:आप
शिमला : आम आदमी पार्टी ने मानसून सत्र में जनहित के मुद्दों को दरकिनार कर,जनता से एक बार फिर छलावा करने को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों पर सवाल उठाया। हिमाचल प्रदेश में सरकार का आखिरी और मानसून सत्र में जो उम्मीदें जनता को बीजेपी कांग्रेस से थी उसमें दोनों ही दल जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाई। आप प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत ठाकुर ने आज एक, बयान जारी कर दोनों पार्टियों पर सवाल खड़ा किया है। आप अध्यक्ष ने कहा,सरकार के इस आखिरी मानसून सत्र में,जनता को अपनी मांगो को लेकर पक्ष और विपक्ष दोनों से बड़ी उम्मीदें थी लेकिन दोनों ने पिछले पौने पांच साल की तरह इस बार भी हिमाचल की जनता को निराश किया। पौने पांच साल के कार्यकाल की तरह भाजपा एक बार फिर मानसून सत्र में जनहित के मुद्दों पर संवेदनहीन रही जबकि कांग्रेस एक बार फिर हमेशा की तरह, विपक्ष की भूमिका निभाने में नाकाम साबित हुई। एक तरफ कांग्रेस अपने पुराने अंदाज में वाक आउट करती नजर आई तो दूसरी तरफ बीजेपी जनहित से जुड़े सीधे मुद्दों से भागती नजर आई।हिमाचल की जनता को उम्मीद थी आखिरी सत्र में,कई जनहित के निर्णय होंगे, सबसे ज्यादा उम्मीद किसानों बागवानों और ओपीएस कर्मचारियों को थी। लेकिन ना ओपीएस पर कोई फैसला सरकार ने लिया और ना बागवान और किसानों पर। आप किसानों और बागवानों के मुद्दे को लगातार उठाती आई,आप कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर जयराम सरकार को जगाने का प्रयास किया लेकिन सत्र में किसानों बागवानों की अनदेखी कर जयराम सरकार ने बता दिया,जयराम सरकार ना सिर्फ गरीब विरोधी बल्कि किसान और बागवान विरोधी भी है।इसके अलावा ना बेरोजगारी, महंगाई शिक्षा,बिजली, पानी, सड़क, आउटसोर्स कर्मचारी, महिला सशक्तिकरण जैसे अहम मुद्दे पर कोई बात मानसून सत्र में हुई। कुल मिला कर, जिन जनहित के मुद्दों को लेकर सरकार पहले पौने पांच साल संवेदनहीन रही और आखिरी सत्र में भी सरकार का यही रवैया दिखा जो सीधे तौर पर ये साबित करता जयराम सरकार जनविरोधी सरकार है।
किसान और बागवानों की उम्मीद को तोड़ कर जयराम सरकार ने साबित किया , किसान, बागवान विरोधी है भाजपा
सरकार के इस आखिरी सत्र में किसानों बागवानों को सरकार से बड़ी उम्मीदें थी लेकिन हर बार की तरह इस बार भी किसान बागवान को निराशा हाथ लगी। सदन में बीजेपी कांग्रेस दोनों ही दल,किसानों और बागवानों के मुद्दे को लेकर संवेदनहीन दिखे। इससे साबित होता है भाजपा और कांग्रेस दोनों दल किसान और बागवान विरोधी हैं। जबकि आम आदमी पार्टी शुरू से किसानों और बागवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और उनके हकों को लेकर लगातार आंदोलन करती रही।सुरजीत ठाकुर ने कहा,आज बीजेपी कांग्रेस का किसान बागवान विरोधी चेहरा सबके सामने आ गया और ये साबित हो गया ये दोनों दल आपस में फ्रेंडली मैच खेलकर,जनता को गुमराह कर रहे हैं।
अविश्वास प्रस्ताव ला कर कोंग्रेस ने भाजपा के मंसूबों को बनाया कामयाब
इस सत्र में कांग्रेस जनहित के मुद्दों पर सरकार को घेरने और बहस के बजाय वॉकआउट के खेल में व्यस्त रही जिससे भाजपा को भी मूलभूत मुद्दों से दूरी बनाने का मौका मिला । दोनों ही दलों की मिलीभगत से जनता की गाढ़ी कमाई के करोड़ों इस मानसून सत्र में खर्च हुए और नतीजा जीरो रहा। अब हिमाचल की जनता को इन रिवायती पार्टियों पर से भरोसा उठ गया क्योंकि आज जनता अपनी मांगो को लेकर सड़कों में है और माननीय सत्र को पिकनिक समझ कर जनता से धोखा कर रहे हैं।
मानसून सत्र के बहाने फ्रेंडली मैच खेल टाइम पास किया दोनों दलों ने
सुरजीत ठाकुर ने कहा,आज भाजपा और कांग्रेस ने हमेशा से यहां फ्रेंडली मैच खेला है चाहे वो सत्ता की चाबी के लिए हो या विधानसभा सत्र में जनहित के मुद्दों पर चर्चा की बात पर हो। आज हिमाचल में हर दिन कई हादसे हो रहे हैं सड़कें और पुल टूट रहे हैं ,बेरोजगार सड़कों पर है,पेपर लीक के मामले सामने आ रहे,कर्मचारी सड़कों पर परिवार के साथ आंदोलन कर रहा,किसान बागवान जेल भरो आंदोलन की तैयारी कर रहे लेकिन विधानसभा में कोई चर्चा नहीं विपक्ष भी वाक आउट के नाम पर लोगों को बरगलाने में लगा है।
जनता की उम्मीदों पर पूरी तरह निराशाजनक रहा, मानसून सत्र
कुल मिलाकर सत्ता पक्ष और विपक्ष मिलकर प्रदेश को लूटने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। आप अध्यक्ष ने कहा, अब समय आ गया है जब प्रदेश की जनता को तय करना है की पिछले चालीस सालों से कांग्रेस और लगभग 17 वर्ष से भाजपा प्रदेश को ठग रही है और जनता से छलावा कर रही है । अब समय आ गया जब ,आम आदमी पार्टी को एक मौका देकर प्रदेश और यहां के लोगों का भविष्य सुधारना है। दिल्ली ,पंजाब की तरह,हिमाचल में भी अरविंद केजरीवाल मॉडल ऑफ गवर्नेस को लाना है ताकि हिमाचल बेहतर और खुशहाल बन सके।