शिमला : हिमाचल पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने बिहार से मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। इसी आरोपी ने पेपर लीक किया था। जानकारी के मुताबिक, यही मुख्य आरोपी है। एसआईटी आरोपी काे गिरफ्तार करके हिमाचल ले आई है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर अभी तक पुलिस ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की है। उसे संभवत सबसे पहले उसी जगह ले जाया जाएगा, जहां पुलिस भर्ती पेपर लीक केस की पहली एफआईआर दर्ज हुई थी। ये एफआईआर धर्मशाला में दर्ज हुई थी।



उल्लेखनीय है कि पुलिस भले ही इस आोपी काे गिरफ्तार करके अपनी पीठ थपथपाने की कोशिश करे, लेकिन प्रदेश पुलिस के ऊपर उठे सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिले हैं। हालांकि प्रदेश पुलिस इस पेपर काे करवाने के लिए बनी टीम के कुछ अफसरों काे हटा चुकी है। पेपर लीक करवाने वाले गिरोह तक ग्राउंड टेस्ट में मेरिट में उन कैंडिडेट की लिस्ट कैसे पहुंची। ये मेरिट लिस्ट सीक्रेट थी और पूरी तरह से पुलिस के कब्जे में थी। ये बात अभी तक सामने नहीं आई है कि पुलिस की कड़ी निगरानी के बावजूद मेरिट लिस्ट पेपर लीक करने वालों तक कैसे पहुंची। क्योंकि पेपर लीक करने वाले गिरोह ने पेपर लीक करने के बाद मेरिट में आए कैंडिडेट से ही संपर्क किया।
हालांकि प्रदेश सरकार ने जांच CBI काे सौंपी है, लेकिन CBI ने अभी तक इसकी जांच शुरू ही नहीं की है। 15 दिन बीत गए हैं, लेकिन अभी तक इस फर्जीवाड़े में मामला दर्ज नहीं किया गया है। सीबीआई की ओर से सरकार को हां या ना का जवाब नहीं मिला है।
पेपर लीक के पता लगने का घटनाक्रम:
24 मार्च की चैट, अप्रैल में हुई थी वायरल। सोशल मीडिया पर वायरल हुई चैट 24 मार्च की है, जबकि कॉन्स्टेबल परीक्षा 27 मार्च को थी। 24 मार्च की वॉट्सऐप चैट को रिजल्ट आने के एक-दो दिन बाद यानी अप्रैल के पहले सप्ताह में वायरल किया गया। अर्की का एक युवक जिसे पेपर खरीदने का ऑफर मिला था, लेकिन उसने पेपर नहीं खरीदा था। जब रिजल्ट आया तो वह युवक रिजल्ट में मेरिट में नहीं आ सका। इसके बाद उस युवक ने ही 24 मार्च का वॉट्सऐप चैट सोशल मीडिया पर वायरल किया, जिसे शुरुआत में पुलिस अफसर गलत बताते रहे।