शिमला : हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूल और कॉलेजों में पढ़ने वाले मेधावी विद्यार्थियों को अब लैपटॉप के स्थान पर स्मार्ट मोबाइल फोन दिए जाएंगे।
ये फोन बड़ी स्क्रीन और अधिक रैम वाले होंगे। ये योजना अगले साल से शुरू होगी। शिक्षा विभाग ने 10 हजार मेधावियों के लिए इसकी खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी है। सरकार ने उच्च शिक्षा निदेशालय को स्मार्ट फोन की स्पेसिफिकेशन तय करने के निर्देश दिए हैं।
कोरोना संकट में ऑनलाइन पढ़ाई के चलते स्मार्ट फोन की महत्ता बढ़ गई है। ऐसे में जल्द सरकार नए शैक्षणिक सत्र से दसवीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को मोबाइल फोन स्कूलों में लाने की मंजूरी भी दे सकती है। स्मार्ट फोन के साथ विद्यार्थियों को डिजिटल शिक्षण सामग्री से भरे मेमोरी कार्ड भी दिए जाएंगे।
सरकार ने अब लैपटॉप की जगह मोबाइल फोन देने का फैसला लिया है। लैपटॉप पर अधिक खर्च आने और इसकी खरीद में बहुत अधिक समय लगने पर सरकार ने यह फैसला लिया है। शैक्षणिक सत्र 2020-21 के दौरान स्कूल शिक्षा बोर्ड की मेरिट में आने वाले दसवीं और 12वीं कक्षा के 8800 विद्यार्थियों सहित कॉलेजों में तीन वर्षों के 400-400 विद्यार्थियों को स्मार्ट मोबाइल फोन दिए जाएंगे।
शैक्षणिक सत्र 2018-19 और 2019-20 के साढ़े 19 हजार मेधावियों को लैपटॉप देने के लिए सरकार ने इलेक्ट्रानिक कारपोरेशन को फाइनेंशियल बिड खोलने की मंजूरी दे दी है। इसी माह बिड खुलने के आसार हैं। बीते तीन वर्षों से लैपटॉप की खरीद प्रक्रिया जारी है। पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेमकुमार धूमल के कार्यकाल में शुरू हुई मेधावियों को लैपटॉप देने योजना को जारी रखने या बंद करने को लेकर प्रदेश सरकार साल 2018 अंत तक संशय में रही। फरवरी 2019 में सरकार ने स्कूलों के 8800 और कॉलेजों के 900 मेधावियों के लिए लैपटॉप खरीद करने का फैसला लिया था।