हिमाचल ‘आप’ सह प्रभारी संदीप पाठक और ‘आप’ प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत ठाकुर ने किया उम्मीदवारों के नामों का ऐलान,सभी प्रत्याशियों को दी बधाई
फतेहपुर से राजन सुशांत, पावंटा साहिब से मनीष ठाकुर, नगरोटा से उमाकांत डोगरा और लाहौल स्फीति से सुदर्शन जस्पा होंगे ‘आप’ उम्मीदवार
शिमला : आम आदमी पार्टी ने हिमाचल विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी उमीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है।
आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनावो को लेकर आज अपनी पहली सूची जारी की। पहली सूची में 4 नाम उम्मीदवारों के नाम घोषित किए। विधानसभा चुनावों में उम्मीदवारों को मैदान में उतारने में आम आदमी पार्टी ने बाजी मार ली है। आम आदमी पार्टी हिमाचल प्रदेश के सह प्रभारी संदीप पाठक और प्रदेशाध्यक्ष सुरजीत ठाकुर ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है। जिसमें फतेहपुर से पूर्व मंत्री और पूर्व सांसद, राजन सुशांत को उम्मीदवार बनाया है। वहीं पावंटा साहिब से, मनीष ठाकुर, नगरोटा से ,उमाकांत डोगरा और लाहौल स्फीति से, सुदर्शन जस्पा को उम्मीदवार बनाया है। आम आदमी पार्टी ने हिमाचल प्रदेश के गांव गांव में संगठन को मजबूत कर चुनावी जंग में मजबूती के साथ ताल ठोंक दी है। प्रदेश में ईमानदार सरकार बनाने के लिए ईमानदार छवि के लोगों को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। आम आदमी पार्टी को प्रदेश की जनता का भारी समर्थन मिल रहा है। केजरीवाल के द्वारा दी गईं 10 गारंटियों पर प्रदेश की जनता भरोसा कर आम आदमी पार्टी को खुलकर समर्थन दे रही है। आम आदमी पार्टी प्रदेश के लोगों के बीच विकल्प के रुप में पहली पसंद बनकर उभरी है। आम आदमी पार्टी प्रदेश की पूरे 68 विधानसभा क्षेत्रों में संगठन की मजबूती के दम पर चुनाव लडने के लिए पूरी तरह तैयार है। वहीं आप की पहली सूची जारी होने पर सभी उम्मीदवारों को,आप प्रदेश अध्यक्ष ने बधाई देते हुए ट्वीट किया और कहा,सभी प्रत्याशियों को मेरी ओर से हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। मुझे पूरा विश्वास है आप सभी @ArvindKejriwal
जी की नीतियों को आगे रखकर पूरी ईमानदारी से चुनाव लड़ेंगे।
ईमानदार छवि के राजन सुशांत ने भ्रष्टाचार से नहीं किया कभी समझौता, मंत्री पद से इस्तीफा भी दिया, संसद से भी त्याग पत्र दिया
कांगड़ा जिले की फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व मंत्री और पूर्व सांसद रहे राजन सुशांत को उम्मीदवार बनाया गया है। राजन सुशांत की छवि एक संघर्षशील और ईमानदार नेता के रुप में रही है। राजन सुशांत लंबे समय से प्रदेश के लोगों की मांगों को उठाते हुए आंदोलन कर रहे हैं। करीब 45 साल से अधिक के राजनैतिक सफर में राजन सुशांत पर कभी भ्रष्टाचार के दाग नहीं लगे। हमेशा जनता की समस्याओं को लेकर सरकार के खिलाफ होने वाले आंदोलनों में बढ़ चढ़कर भाग लेते रहे हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के कारण ही राजन सुशांत को भाजपा ने पार्टी से निकाल दिया था। राजन सुशांत जेपी आंदोलन में शामिल हुए और इमरजेंसी के दौरान 8 माह जेल में भी रहे हैं। शहीद भगत सिंह के विचारों से प्रभावित राजन सुशांत राजनीति में आए और 1982 में पहली बार ज्वाली विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने। उस समय राजन सुशांत सबसे कम उम्र के विधायक रहे हैं। 1982 में ही विधायक रहते हुए शाहनहर के लिए आंदोलन किया। जिससे पंजाब से समझौता हुआ और हजारों प्रभावितों को इससे फायदा पहुंचा। चार बार विधायक रहे राजन सुशांत ने भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर अपनी ही भाजपा सरकार के खिलाफ आवाज उठाई और वर्ष 2000 में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद राजन सुशांत 2007 के विधानसभा चुनावों में चौथी बार विधायक बने। इसके बाद 2009 में कांगड़ा चंबा संसदीय क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़े और जीतकर सांसद बने। राजन सुशांत ने भ्रष्टाचार की खिलाफत करते हुए अन्ना आंदोलन का समर्थन किया। इसके बाद 2014 में लोकसभा और भाजपा दोनों से इस्तीफा दे दिया। जिससे साबित होता है कि राजन सुशांत ने अपने राजनैतिक सफर में कभी भ्रष्टाचार से समझौता नहीं किया। अपनी ही सरकार में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई और मंत्री पद से इस्तीफा भी दिया।
यूथ कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व राष्ट्रीय महासचिव रह चुके,युवा और जुझारू नेता मनीष ठाकुर लड़ेंगे पावंटा साहिब से चुनाव
पांवटा साहिब से आम आदमी पार्टी के उपाध्यक्ष मनीष ठाकुर को उम्मीदवार बनाया गया है। मनीष ठाकुर लंबे समय से सामाजिक आंदोलनों से जुड़े रहे हैं और क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को हमेशा उठाते रहे हैं। छात्र जीवन से राजनीति में सक्रिय मनीष ठाकुर ऑल इंडिया यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं और यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव के पद पर भी रहे। मनीष ठाकुर विगत 25 वर्षों से सामाजिक- राजनीतिक क्षेत्र में पांवटा साहिब सहित पूरे हिमाचल में सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में कार्य शुरू करने वाले मनीष ने अपने सांगठनिक क्षमता और आम जनता की कार्यों के प्रति समर्पण के बल पर ऑल इंडिया यूथ कांग्रेस के हिमाचल प्रदेश अध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय महासचिव के पद तक का सफर तय किया। सन 2012 के युवा कांग्रेस के अपने चुनाव में वर्तमान कसुम्पटी विधायक अनिरुद्ध सिंह को हराकर मनीष कुमार शिमला लोकसभा युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बने । राजनीतिक कार्यों के साथ साथ वे युवाओं, महिलाओं और गरीबों के बीच में लगातार स्वास्थ्य, शिक्षा तथा रोजगार के बढ़ावे के लिए विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़ कर कार्य करते रहे हैं। कोविड महामारी के दौरान उन्होंने अपने युवा समूहों के साथ मिलकर हज़ारों लोगों तक राशन, दवाईयां तथा इलाज की अन्य व्यवस्था पहुंचाने का कार्य भी किया। अब पांवटा साहिब विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के रुप में उतरकर मनीष ठाकुर कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशी को पछाड़ने का संकल्प लेकर मैदान में उतरे हैं।
जिला परिषद के चुनावों में भाजपा-कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों को हराया था, अब विधानसभा में हराने के लिए उतरे सुदर्शन जस्पा
आम आदमी पार्टी ने लाहौल स्फीति विधानसभा क्षेत्र से सुदर्शन जस्पा को उम्मीदवार घोषित किया है। क्षेत्र में एक समाज सेवी के रुप में पहचान बनाने वाले सुदर्शन जस्पा छात्र राजनीति से ही छात्रों की मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ आंदोलन करते रहे हैं। वह 2015 से 2020 तक जिला परिषद के सदस्य भी रहे हैं। 2017 के विधानसभा चुनावों में निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में उतरकर कांग्रेस और भाजपा को कड़ी चुनौती देने में कामयाब रहे। सुदर्शन जस्पा ने 2022 में पंजाब चुनावों में आम आदमी पार्टी को मिली भारी जीत के बाद आम आदमी पार्टी में शामिल हुए और गांव गांव तक आम आदमी पार्टी के संगठन को मजबूत करने में जुटे रहे। वह आम आदमी पार्टी के जिला प्रभारी के रुप में कार्य कर रहे हैं। वहीं दा लाहौल पटेटो ग्रोवर कोऑपरेटिव मार्केटिंग कम प्रोसेसिंग सोसायटी के अध्यक्ष भी हैं। जिससे लाहौल स्फीत के किसानों के बीच सुदर्शन जस्पा की अच्छी पकड़ हैं।
क्षेत्र में समाज सेवक के रुप पहचाने जाने वाले उमाकांत डोगरा हमेशा सरकार के समक्ष उठाते रहे जनता के मुद्दे
कांगड़ा जिले की नगरोटा विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी ने उमाकांत डोगरा को प्रत्याशी घोषित किया है। उमाकांत डोगरा आम आदमी पार्टी ओबीसी प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष के रुप में कार्य करते हुए क्षेत्र की हर पंचायत में संगठन को मजबूत करने का काम किया है। उमाकांत डोगरा ग्राम पंचायत सरोतरी के प्रधान रहे हैं और ओल्ड स्टूडेंट्स एसोसिएशन महाविधालय बाबा बड़ोह के अध्यक्ष है । उमाकांत डोगरा लंबे समय से क्षेत्र के लोगों की मांगों को सरकार के समक्ष मीडिया के माध्यम से उठाते रहे हैं। अब आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के रुप में चुनावी दंगल में उतरे हैं।
जानिए आप उमीदवारों को
डॉ राजन सुशांत का संक्षिप्त परिचय
नाम : डॉ राजन सुशान्त
कार्य : सांसद लोकसभा काँगड़ा – चम्बा (हि o प्र)
जन्म : 30 – मई – 1955
जन्मस्थान : गाँव – मनोह सिहाल , तह – फतेहपुर , जिला – काँगड़ा (हि o प्र)
पिता का नाम : स्व. श्री फ़कीर चंद
माता का नाम : स्व. श्रीमती शकुन्तला देवी
शैक्षणिक योग्यता
- बी.ए.
- जी.ए.एम्.एस ( 1979 डी.ए.वी कॉलेज जालंधर )
- एल.एल.बी ( 1988 हिमाचल प्रदेश विश्वविधालय शिमला )
राजनैतिक एवं सामाजिक जीवन पर एक नज़र :-
डॉ राजन सुशान्त का परिवार ग्रामीण परिवेश का एक साधारण परिवार है |
- वर्ष 1975
- जे.पी .आन्दोलन में अहम् भूमिका निभाई
- 8 महीने तक जेल में कैद रहे |
विधार्थी जीवन के दौरान 1974 – 1975 के जे.पी . आन्दोलन में बढ़ – चढ़ कर भाग लिया और केवल 20 वर्ष की छोटी सी आयु में चंडीगढ़ में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गाँधी के समक्ष अखिल भारतीय कांग्रेस के कामा गाता मारू अधिवेशन के दौरान रास्ट्रीय आपातकाल का पुरजोर विरोध करने के कारण सन 1975 – 1976 में 8 महीने रोपड़, जालंधर व् पटियाला की जेलों में रहे |
- वर्ष 1975 – 1980
- शहीदेआज़म सरदार भगत सिंह की सगी बहन से देशभक्ति की प्रेरणा लेते रहे
विधार्थी जीवन के ही दौरान वे शहीदे आज़म सरदार भगत सिंह की बहन के साथ लगातार संपर्क में रहकर उनसे प्रेरणा लेते रहे | उनका भी राजन सुशांत के प्रति अपार स्नेह था |
विधार्थी जीवन के दौरान सारा भारतवर्ष घूमा एवं नज़दीक से समझा |
- वर्ष 1977
- पंजाब व् हिमाचल प्रदेश के विधार्थी आन्दोलन का नेतृत्व
पंजाब व् हिमाचल प्रदेश के आयुर्वैदिक विधार्थी एसोसिएशन के महामंत्री के रूप में आयुर्वैदिक विधार्थियों का नेतृत्व किया , जिसमे 50 छात्राओं सहित 250 विधार्थी निरंतर एक माह तक चड़ीगढ़ की बुडैल जेल में रहे , अन्तत: विधार्थियों की बहुत सी मांगे मनवाने में सफल हुए |
- विधार्थी जीवन के दौरान देशभक्ति और समाजसेवा की भावना से प्रेरित होकर अनेक सामाजिक कार्य किये , इसी दौरान यंगब्लड एसोसिएशन (young blood association) का गठन किया और विभिन्न स्थानों पर रक्तदान शिविरों का आयोजन किया|
- वर्ष 1980
- हिमाचल प्रदेश भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से एक
हिमाचल प्रदेश के जवालामुखी में जब प्रदेश भाजपा की स्थापना के समय डॉ राजन सुशान्त संस्थापक सदस्यों में से एक थे |
- वर्ष 1982
- सबसे छोटी उम्र के विधायक
26 वर्ष की आयु में पहली बार ज्वाली विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने | वे उस समय
सबसे कम उम्र के विधायक थे |
- शाह्नहर आन्दोलन
- लगातार 11 महीने तक एक ही स्थान पर धरना |
1982 में विधायक होते हुए हिमाचली आत्मसम्मान की रक्षा हेतु 11 महीने धरने पर बैठकर शाहनहर योजना से सम्बंधित प्रदेश उच्च न्यायलय के निर्णय को वापिस करवाया तथा पंजाब सरकार से समझोता करवाया जिससे 50 हज़ार किसान लाभान्वित हुए और 38 हज़ार एकड़ भूमि पर सिंचाई के लिए उपलब्ध करवाई |
- वर्ष 1983
- पौंड डैम विस्थापितों को हक़ दिलाने के लिए एक बड़ा आन्दोलन |
- एक माह तक जेल में रहे
पौंग डैम से विस्थापित हुए परिवारों को न्याय दिलवाने की लड़ाई लड़ते हुए 1983 में एक महीने के लिए धर्मशाला जेल में कैद रहे | उन्होंने ज़बरदस्त दबाव बनाकर राजस्थान में तत्कालीन सरकार द्वारा विस्थापितों के मुरब्बे रद्द करने की अन्यायकारी नीति को बंद करवाया |
जेल में हुए अधरंग के शिकार
इसी वर्ष लगतार आन्दोलन करने की वजह से उनका शरीर कमज़ोर पड़ गया था |
पौंग डैम विस्थापितों के लिए लगातार आन्दोलन के दौरान जेल में रहते हुए वे अधरंग के भी शिकार हुए | इसे उनकी दृढ शक्ति एवं ईश्वर का चमत्कार ही कह सकते हैं की वेह कुछ ही महीनो में पुनः ठीक हो गए |
रिश्वत देने की कोशिश करने वालो को दिलाई कड़ी सजा
- वर्ष 1983 में ही उन्हें रिश्वत देने की कोशिश करने पर उन्होंने राजस्थान सरकार के भ्रष्ट अफसरों को न केवल निलंबित करवाया बल्कि उन्हें जेल भी भिजवाया | इस दोरान उन्हें राजस्थान में जब वो एक सभा को संबोधित कर रहे थे तो उन्हें जान से मारने का भी षड्यंत्र रचा गया जो की ईश्वर की कृपा से विफल रहा |
- वर्ष 1985
दूसरी बार पुनः विधायक चुने गए | तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गाँधी हत्याकांड के पश्चात कांग्रेस के पक्ष में जोरदार व् शक्तिशाली लहर के बावजूद ज्वाली विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की |
- युवा बागवान व् किसान आन्दोलन
- पुनः जेल गए
इसी दौरान प्रदेश के युवाओं , किसानों व् बागवानों की समस्याओं को हल करने के लिए भी आन्दोलन चलाया व् इस दौरान वह शिमला व् बिलासपुर की जेलों में रहे |
- वर्ष 1988
- बाड़ में बचाई हजारों लोगो की जान
काँगड़ा जिला के मंड क्षेत्र में भयंकर बाड़ में हज़ारों लोग फंस गए | ऐसे में डॉ राजन सुशांत ने सेना के 2 हेलीकाप्टर की मदद से लगातार कई दिनों तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के ज़रिये हजारों लोगो की जान बचाई |
- वर्ष 1992
- आतंकवादियों की धमकी के बावजूद श्रीनगर के लाल चौक पर फहराया तिरंगा
जब सन 1992 में पाक समर्थित आंतंकवादियों ने भारत के प्रधानमंत्री को श्रीनगर के लाल चौक में रास्ट्रीय झंडा न फहराने की धमकी दी तो देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत होकर डॉ राजन सुशान्त ने तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष डॉ मुरली मनोहर जोशी के नेतृत्व में 60 साहसी भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ रास्ट्र-विरोधी शक्तियों को मुहंतोड़ जवाब देते हुए श्रीनगर के लाल चौक में 26 जनवरी , 1992 को रास्ट्रध्वज फहरा कर भारत माता के मान सम्मान को ठेस पहुँचने से बचाया, हालाँकि उसी वक़्त लाल चौक से केवल 50 मीटर की दूरी पर रॉकेट से प्राणघातक हमला हुआ ,जिसमे वे बाल बाल बचे |
- वर्ष 1994
- मजदूर आन्दोलन
- 9 महीने तक लगातार जेल में रहे |
मजदूरों की मजदूरी बढाने तथा नौकरी नियमित करने के निर्णय को लागू करवाने के लिए मज़दूरों की और से शक्तिशाली आन्दोलन किया | डॉ राजन सुशान्त के इस आन्दोलन को कुचलने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने उन पर भीषण लाठी चार्ज किया , जिससे उनके सिर में गंभीर चोटें आईं | इस दौरान उन्हें 7 महीनों तक निरंतर धर्मशाला जेल में रखा गया | इस सबके बावजूद डॉ राजन सुशान्त न्यायालय के निर्णय को लागू करवाने में सफल रहे | यह डॉ राजन सुशान्त की ही मेहनत और तपस्या का फल था जिसके फलस्वरूप पूरे प्रदेश के 1 लाख 50 हज़ार मजदूर लाभान्वित हुए |
- स्वयंसेवी आध्यापक आन्दोलन
वर्ष 1994 में स्वयंसेवी अध्यापक आन्दोलन में बढ चढ़ कर भाग लिया , लाठीचार्ज हुआ व् जेल जाना पड़ा |
- वर्ष 1998
- तीसरी बार विधायाक चुने गये व् प्रदेश सरकार में राजस्व मंत्री बने |
- वर्ष 1998 में वे एक बार पुनः विधायक बने और हिमाचल प्रदेश सरकार में मंत्री भी बने | इस दौरान इन्हें राजस्व , कानून , विज्ञान एवं प्रौधोगिकी , जैव प्रौधोगिकी एवं पुनर्वास जैसे महत्वपूर्ण विभागों का कार्यभार बतौर राज्यमंत्री सौंपा गया |
- इस दौरान इन्होने अनेक कल्याणकारी योजनाओं के अतिरिक्त प्रदेश के सभी 13 लाख परिवारों को किसान पास बुक तैयार करवा कर आबंटित करने का अभूतपूर्व कार्य किया
- 150 साल पुराने ऐसे किसान विरोधी कानून को बदल कर खुदराओं द्रखतों का मालिक किसानों को बनाया | फलस्वरूप प्रदेश के चालीस विधानसभा क्षेत्रों के लाखों किसानो को ऐसे पेड़ो पर मालिकाना हक़ प्राप्त हुआ |
- राजस्व विभाग में फ़ारसी व् उर्दू भाषा के साथ हिंदी व् अंग्रेजी भाषा में भी शब्दकोष बनाया गया |
- वर्ष 2000 में भ्रष्टाचार के खिलाफ मंत्री पद छोड़ा |
- वर्ष 2007
- चौथी बार विधायक चुने गए
- अपनी इमानदार छवि और जनकल्याण कार्यों के कारण ही 2007 में वे चौथी बार विधायक चुने गए |
- वर्ष 2009
- काँगड़ा चंबा के सांसद चुने गए
- जनता के साथ उनके लगाव, प्रेम और अपनी इमानदार छवि के कारण ही वे वर्ष 2009 में वे हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा – चंबा संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सांसद चुने गए |
- वर्ष 2009 – 13
- सांसद के रूप में कार्य
इस दौरान उन्होंने हिमाचल अधिकार मंच का गठन किया :-
- हिमाचल प्रदेश की प्रमुख मांगों को मनवाने के लिए दिल्ली के जन्तर-मंतर पर हजारों हिमाचलियों के साथ धरना दिया |
- रेलवे के विस्तार के लिए जहाँ लोकसभा में आवाज़ उठाई वहीँ ज्वाली स्थित रेलवे स्टेशन पर धरना भी दिया |
- शानन प्रोजेक्ट हिमाचल को दिलवाने के लिए धरना दिया |
- हिमाचल की वनसंपदा , नदियों एवं बर्फ पर केंद्र सरकार से रॉयल्टी मांगी |
- उपरोक्त मंच के माध्यम से मूलतः हिमाचल के बिजली प्रोजेक्ट , भ्रष्टाचार( बेनामी सौदे धारा 118 ) बेरोज़गारी , गैर कानूनी कटान एवं खनन के मुददों को प्रमुखता से उठाया |
- भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाने पर मिली सजा
- हिमाचल प्रदेश में सशक्त लोकायुक्त व् विधयेक लाने के लिए अपनी ही सरकार के खिलाफ शिमला के माल रोड पर धरना दिया परिणामस्वरूप इन्हें अपनी ही पार्टी में भारी विरोध का सामना करना पड़ा एवं उन पर अनुशासनहीनता की करवाई की गयी और उन्हें पार्टी तक से निष्कासित कर दिया गया | उनके खिलाफ जांच भी करवाई गयी लेकिन सरकार को उनके खिलाफ कुछ भी नहीं मिला |
जनलोकपाल का समर्थन
- डॉ राजन सुशान्त पहले ऐसे सांसद थे जिन्होंने सबसे पहले अन्ना हजारे के मंच पर जाकर लिखित रूप में जनलोकपाल के लिए अपना समर्थन दिया |
- अपनी ही सरकार के मुख्यमंत्री एवं भ्रष्ट मंत्रियों के खिलाफ उठाये भ्रष्टाचार के मुद्दे |
- सांसद के रूप में शत प्रतिशत सांसद निधि खर्च की |
- संसदीय क्षेत्र के सभी 17 विधानसभा क्षेत्रों का अनेकों बार दौरा किया | इस दौरान प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में पंचायत स्तर तक जाकर लोगो की समस्यां सुनी और उनका निपटारा किया
- लगभग सभी विधानसभा क्षेत्र के लोगो को मुफ्त में एम्बुलेंस सुविधा उपलब्ध करवाई |
- पंचायत स्तर पर सांसद निधि का वितरण किया |
- काँगड़ा संसदीय क्षेत्र के कई प्रमुख धार्मिक स्थलों व् बाजारों में सोलर पॉवर प्लांट सांसद निधि से स्थापित किये गए |
- सांसद के रूप में बसों द्वारा यात्रा कर लोगों से संपर्क करने उनकी समस्याएँ समझी इस दौरान उन्होंने तीन “म” ( मंच , माला , माइक ) से परहेज़ किया |
- भ्रष्टाचार के खिलाफ हिमाचल में कई जगह पर जनसभाएं एवं सेमीनार आयोजित कर के लोगो को जागरूक किया |
- वर्ष 2014
- भ्रष्टाचार के खिलाफ संसद एवं भाजपा से दिया त्यागपत्र |
- 10 जनवरी 2014 को दिया त्यागपत्र |
भारतीय जनता पार्टी में बढते भ्रष्टाचार एवं नैतिक मूल्यों के आभाव और मूल भावना से भटकाव के कारण भारतीय जनता पार्टी एवं संसद सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया |
“पद से बड़ा प्रदेश और पार्टी से बड़ा देश” भावना के तहत ही उन्होंने अपना यह त्यागपत्र पार्टी के रास्ट्रीय अध्यक्ष को सोंपा |
संघठनात्मक अनुभव :-
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ : देश प्रेम तथा राष्ट्रवाद के जज्बे के चलते सन 1973 में आर.एस.एस. के साथ जुड़े तथा प्रथम , दिव्तीय व् तृतीय वर्ष का प्रशिक्षण पूर्ण किया |
अखिल भारतीय विधार्थी परिषद् : वर्ष 1978 –1979 के दौरान पंजाब प्रदेश के सयुंक्त सचिव रहे|
भारतीय जनता युवा मोर्चा : वर्ष 1979 – 1980 में अध्यक्ष जिला काँगड़ा , 1982 में महासचिव हिमाचल प्रदेश एवं 1985 में प्रदेश अध्यक्ष के रूप में संगठन को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई |
मनीष ठाकुर
मनीष ठाकुर आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं । ये विगत 25 वर्षों से सामाजिक- राजनीतिक क्षेत्र में पावटा साहेब तथा पूरे हिमाचल में सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में कार्य शुरू करने वाले मनीष ने अपने सांगठनिक क्षमता और आम जनता की कार्यों के प्रति समर्पण की बल पर ऑल इंडिया यूथ कोंग्रेस के
हिमाचल प्रदेश अध्यक्ष तथा देश के स्तर पर राष्ट्रीय महासचिव के पद तक का सफर तय किया। सन 2012 के युवा कांग्रेस की अपनी चुनाव में वर्तमान कसुम्पटी विधायक श्री अनिरुद्ध सिंह को हराकर श्री मनीष शिमला लोकसभा युवा कॉंग्रेस के इलेक्टेड प्रेजिडेंट भी बने । राजनीतिक कार्यों के साथ साथ वे युवाओं, महिलाओं और गरीबों के बीच में लगातार स्वास्थ्य, शिक्षा तथा रोजगार के बढ़ावे के लिए विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़ कर कार्य करते रहे हैं। कोविड महामारी के दौरान उन्होंने अपने युवा समूहों के साथ मिलकर हज़ारों लोगों तक राशन, दवाईयां तथा इलाज की अन्य व्यवस्था पहुंचाने का कार्य भी किया।
उमाकांत डोगरा
उमाकांत डोगरा पूर्व सरपंच ग्राम पंचायत सरोतरी , अध्यक्ष ओल्ड स्टूडेंट्स एसोसिएशन महाविधालय बाबा बड़ोह । ओबीसी प्रदेश उपाध्यक्ष आम आदमी पार्टी विधानसभा नगरोटा बगवां जिला कांगड़ा हिमाचल प्रदेश।
वहीं सुदर्शन 2015 से 2020 तक जिला परिषद सदस्य रहे हैं।