शिमला : हिमाचल प्रदेश के सेब उत्पादक क्षेत्रों में ओलावृष्टि से सेब की फसल के साथ साथ पौधों को भी नुकसान पहुंचता है। इससे अगले साल भी सेब की पैदावार पर असर पड़ता है। इस नुकसान को कम करने के लिए बागवानी विभाग ने बागवानों को दवाइयों का छिड़काव करने की एडवाइजरी जारी की है। जिसमें स्प्रे का शेड्यूल जारी किया गया है। बागवानी विभाग के सीनियर प्लांट प्रोटेक्शन ऑफिसर कीर्ति कुमार सिन्हा ने बताया कि ओलावृष्टि से बागीचों को नुकसान हो रहा है। सिन्हा ने ओलावृष्टि के तुरंत बाद कारबैन्डाजिम 100 ग्राम या मैनकोजेब 600 ग्राम का 200 लीटर पानी में घोल बनाकर स्प्रे करने की सलाह दी है। ओलावृष्टि के 3-4 दिन के अंदर बोरिक एसिड 200 ग्राम, जिंक सल्फेट 500 ग्राम और अनबुझा चूना 250 ग्राम का 200 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करने की सलाह दी है।
10 से 12 दिन बाद सूक्ष्म पोषक तत्वों एग्रोमिन, मल्टीप्लेक्स या माइक्रोविट का 400-600 ग्राम प्रति 200 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना फायदेमंद होगा। साथ ही बागवान ओलावृष्टि से प्रभावित बगीचों में यूरिया एक किलोग्राम प्रति 200 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।