शिमला : हिमाचल प्रदेश आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ ने शिमला में सीटु के बैनर तले विधानसभा के बाहर आउटसोर्स महासंघ के नाम से आंदोलन की निंदा की है, साथ ही स्पष्ट किया है कि महासंघ की ओर से काई भी कर्मचारी इस आंदोलन में शामिल नहीं था । महासंघ एवं अध्यक्ष का नाम का गलत प्रयोग किया जा रहा है। महासंघ के अध्यक्ष शैलेन्द्र शर्मा ने सभी आउटसोर्स कर्मचारियों से निवेदन किया कि इस तरह के आंदोलन में हिस्सा न लें तथा अपने अपने जिला कार्यकारिणी के संपर्क में रहे।
हिमाचल प्रदेश आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ का प्रतिनिधि मंडल मुख्य मन्त्री जय राम ठाकुर से मिला। प्रतिनिधि मंडल में आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष शैलेन्द्र शर्मा, महासचिव अवधेश सरोच तथा कार्यकारिणी के सदस्य शामिल रहे।
गत दिनों बजट में आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन की घोषणा की गई थी जिसको लेकर कर्मचारियों में काफि रोष था क्योंकि सभी कर्मचारी काफि पहले से बजट में स्थायी निति का इंतजार कर रहे थे। इसी संबंध में आगामी कार्यवाही जानने हेतु एवं कैबिनेट सब कमेटी के अध्यक्ष जल शक्ति मन्त्री महेन्द्र सिंह ठाकुर से मिले। इसके उपरांत जल शक्ति मंत्री ने महासंघ के पदाधिकारियों को मुख्य मंत्री जी से मिलवाया।
मुख्यमंन्त्री ने जहां एक ओर सभी कर्मचारियों को आश्वास्त किया कि कैबिनेट सब कमेटी बहुत जल्दी अपनी सिफारिशें सरकार के समक्ष रखेगी उसके बाद निनि निर्धारित की जाएगी वहीं दूसरी ओर कर्मचारियों को 14 तारिख को विधानसभा आने को भी कहा।
अध्यक्ष शैलेन्द्र शर्मा ने कहा कि वे बिल्कुल आश्वस्त है कि सरकार अपने वादे के अनुसार निति बनाने जा रही है। पुरा महासंघ सरकार का समर्थन करता है। इसके उपरांत विधानसभा में भी महेन्द्र सिंह ठाकुर ने अपनी बात के दौरान कहा कि हम आउटसोर्स के लिए निति बनाने जा रहे है। इसका महासंघ स्वागत करता है तथा यह भी सरकार को बताना चाहते है कि महासंघ पूर्ण रूप से संगठित एवं एक मंच पर है।
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