विपक्षी दल कांग्रेस को मिला सरकार को घेरने का मौका, सत्तापक्ष दे रहा पूरा जवाब
शिमला :
हिमाचल प्रदेश में चुनाव आयोग द्वारा तीन विधानसभा व एक लोकसभा उपचुनाव को टालने के बाद अब राज्य में आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। राज्य में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस व सत्ताधारी भाजपा के नेता एक दूसरे पर आरोप व प्रत्यारोप लगाकर घेरने का प्रयास कर रहे हैं। इसी के बीच मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को सरकार को घेरने का भी मौका मिल गया है। कांग्रेस नेता इसपर लगातार सरकार को घेर रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार हार के डर से उपचुनावों से भाग रही है। इसलिए उन्होंने उपचुनावों को नहीं होने दिया। वहीं दूरी ओर मुख्यमंत्री सहित भाजपा के नेता इसे चुनाव आयोग का फैसला बता रहे हैं। उनका कहना है कि उपचुनाव टालने के पीछे भाजपा या सरकार को कोई भी हाथ नहीं है।
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने सरकार पर उपचुनावों से भागने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश में विकास कार्य करवाने में असफल रही है। प्रदेश में कोरोना से निपटने में भी पूरी तरह से विफल रही है। प्रदेश के लोगों का सरकार से मोह भंग हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार अधिकारियों के हाथों में कठपुतली बनकर रह गई है। इमानदार अधिकारियों को बदला जा रहा है। इसका उद्हारण पूर्व मुख्य सचिव अनिल खाची को हटाया जाना है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार चुनावों में हार से डर गई है। बढ़ती महंगाई व बेरोजगारी से लोग परेशान है तथा लोगों में सरकार के खिलाफ रोष है। इसे देखते हुए सरकार ने उपचुनावों को टाल लिया है।
वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया तथा कहा कि भाजपा व सरकार उपचुनावों के लिए पूरी तरह से तैयार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह किन्नौर को छोडक़र उन सभी हलकों का दौरा कर चुके हैं जहां पर उपचुनाव होने हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि पिछले पांच सालों से अधिक समय से कांग्रेस को केवल हार का ही सामना करना पड़ रहा है। इससे कांग्रेसी नेता बौखला गए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास मुद्दों का अभाव है। ऐसे में वह अब इस तरह के मामलों को उठाकर प्रदेश के लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनावों को करवाने या नहीं करवाने का अधिकार चुनाव आयोग का है तथा चुनाव आयोग दिल्ली में बैठता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने केवल वस्तुस्थिति से अवगत करवाया है।
तकनीकी शिक्षा मंत्री डा. रामलाल मारकंडा ने कहा है कि कांग्रेस नेताओं को चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उपचुनाव को टालने का निर्णय चुनाव आयोग का है, जिसमें राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं है। डा. मारकंडा ने कहा कि लाहौल-स्पीति सहित अन्य दुर्गम क्षेत्रों में पंचातयी राज संस्थाओं के चुनावों को चुनाव आयोग ने करवाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि यहां पर पंचायतों का कार्यकाल गत 24 जून को समाप्त हो चुका है। ऐसे में वहां पर चुनाव होने से पंचायतों का गठन हो सकेगा। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने मद्रास हाईकोर्ट के निर्देश पर राज्यों को पत्र लिखकर कुछ जानकारी मांगी थी, जिसे उपलब्ध करवाया गया।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा कि पार्टी उपचुनावों के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने उपचुनावों में सभी सीटों में भाजपा की जीत का दावा किया तथा कहा कि इन चुनावों में भाजपा विपक्षी दल कांग्रेस को असलियत बता देगी।
हिमाचल प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता रणधीर शर्मा ने आरोप लगाया है कि उपचुनाव को टालने को लेकर कांग्रेस नेता आधारहीन टिप्पणी कर रहे हैं। उन्होंने पकहा कि विपक्ष को संवैधानिक संस्थाओं पर टिप्पणी करने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह की आधारहीन टिप्पणी करने से संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा को ठेस पहुंचती है। उन्होंने कहा कि जब भी चुनाव होंगे, तो पता चल जाएगा कि कौन कितना पानी में है। उन्होंने यह भी कहा कि पराला मंडी को लेकर सरकार की तरफ से बजट का प्रावधान किया गया है, जिससे बागवानों को लाभ होगा।
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