मंडी: हिमाचल प्रदेश में श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नेरचौक के डॉक्टरों ने एक उपलब्धि हासिल की है। कॉलेज के गायनी और स्त्रीरोग विभाग के डॉक्टरों ने गायनी लेप्रोस्कोपिक की सफल सर्जरी की। इस उपलब्धि के बाद अब प्रदेश के लोगों को निजी व अन्य बाहरी राज्यों में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी पर खर्च होने वाली भारी-भरकम फीस से भी छुटकारा मिल जाएगा।
गुरुवार को मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की टीम ने 47 वर्षीय महिला मरीज की पहली लेप्रोस्कोपिक हिस्टेरेक्टॉमी सर्जरी की ,जिसके गर्भाशय में 12 से 14 सप्ताह के आकार के फाइब्रॉयड के साथ चरण तीन श्रोणि सूजन की बीमारी थी। इस सर्जरी टीम का नेतृत्व पूनम डोगरा मारवाह, डॉ .रीना शर्मा, डॉक्टर शशिकांत और डॉ. नेहा चौहान ने किया, वहीं डॉ .मोनिका पठानिया, स्टाफ नर्स पूनम भारती व मोनिका ने सर्जरी में सहयोग किया।
लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. पन्नालाल वर्मा ने बताया कि 11 नवंबर 2021 को मेडिकल कॉलेज में पहली सर्जरी की गई। उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन के बाद मरीज का दर्द काफी कम हो गया और वह अब अच्छा महसूस कर रही। उन्होंने बताया कि इस सर्जरी के शुरू होने के बाद अब प्रदेश के लोगों को निजी व अन्य राज्यों में जाकर भारी मात्रा में पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा। वहीं, उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में लेप्रोस्कोपिक और हिस्टेरेक्टॉमी प्रक्रिया के अन्य ऑपरेशन जैसे भारी रक्त स्त्राव आई ट्रस्ट और हाइब्रिड की नियमित रूप से किए जा रहे और सभी मरीज ऑपरेशन के बाद स्वस्थ हैं।