शिमला : आईजीएमसी में रेजीडेट चिकित्सको ने अपनी हड़ताल वापिस ले ली है। नीट पी.जी. की काउंसलिंग को अस्थायी तौर पर आगे बढ़ाने के बाद रैजिडैंटस डॉक्टर ने आज यानी सोमवार से रेजिडेंट डॉक्टर पूरे दिन की हड़ताल करनी थी। लगभग 400 रेजिडेंट डाक्टर ने प्रिंसिपल को ज्ञापन दिया लेकिन प्रिंसिपल सुरेंद्र सोढ़ी व डीएमई डॉ रजनीश पठानिया ने उन्हें बताया कि उनकी मांगे मान ली जायेगी इस लिए हड़ताल का कोई मतलब नही है। जानकारी देते हुए रेजिडेंट डॉक्टर के महासचिव डॉ अक्षित पूरी ने बताया कि उनकी प्रिंसिपल से बात हुई जहाँ उन्हें कहा कि उनकी मांगी मान ली जायेगी इस लिए आज से शुरू होने वाली हड़ताल वापिस ले ली है।।
ओपीडी में लगी रही मरीजो की भीड़।
आईजीईमसी में सुबह 9,30पर ओपीडी शुरू हुई पहले 1घण्टे ओपीडी म रेजीडेंट डॉक्टर नही बैठे जिसके कारण ओपीडी के बाहर भीड़ लगी रही।11 बजे के बाद हड़ताल वापिस लेनेक बाद ओपीडि में गए
आईजीएमसी में रोजाना 3 से 4 हजार की ओपीडी
आईजीएमसी में रोजाना 3 से 4 हजार मरीजों की ओपीडी रहती है। ऐसे में ओपीडी में काफी ज्यादा भीड़ लगी होतो है। पहले ही यहां पर डॉक्टर की कमी चल रही है, लेकिन डॉक्टर के हड़ताल पर जाने से काफी ज्यादा दिक्कते विक्राल हो जाती है।
सीनिय डॉक्टरों से अब सारा जिममा उठा पाना मुश्किल है। मरीजों को उपचार करने में काफी ज्यादा दिक्क्तें आएगी। कुछ दिन पहले रैजिडैंटस डॉक्टरों ने दो घंटे की हड़ताल की थी, उसके बाद दो दिन पूरे दिन की हड़ताल की थी, लेकिन उस दौरान केंद्र कार्यकारिणी के आश्वासन के बाद उन्होंने हड़ताल को सस्थगित कर दिया था और 19 दिसम्बर तक अल्टीमेटम दिया था। सरकार द्वारा मांगे पूरी न होने पर अब फिर से डॉक्टर हड़ताल पर चले गए है। रैजिडैंटस डॉक्टर एसोसिएशन के महासचिव डॉ. अक्षित पूरी ने कहा कि डॉक्टर नीट पी.जी. की काउंसलिंग को अस्थायी तौर पर आगे बढ़ाने के बाद देशभर में फेडरेशन ऑफ रैजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के समर्थन में आई.जी.एम.सी. की रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (आर.डी.ए.) भी हड़ताल कर रही है। सरकार से मांग है कि काउंसलिंग को शीघ्र अति शीघ्र करवाया जाए, ताकि नया बैच आए। पहले ही हमारा एक बैच जुलाई में जा चुका है। ऐसे में यहां पर एक बैच की कमी है। जिसके चलते परेशानी हो रही है। अगर सरकार उनकी मांगे पूरी ही नहीं करती है तो आगामी आंदोलन तेज भी हो सकता है। आईजीएमसी में पूरे प्रदेश भर से मरीज अपना उपचार करवाने आते है। ऐसे में उन मरीजों का जिम्मा अब सीनियर डॉक्टर पर रहेगा, लेकिन मरीजों की ओपीडी में लम्बी लाइने देखने को मिल सकती है। जब पहले रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर गए थे तो उस दौरान भी मरीजों को काफी ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ा था।
आपातकालीन सेवाएं रहेगी जारी
रेजिडेंट डॉक्टर ने यह फैसला लिया है कि आपातकालीन सेवाओं को जारी रखा जाएगा। ताकि गम्भीर मरीजो को ज्यादा दिक्कते न आए। सरकार आगामी दिनों में अगर मांगे नही मानती तो आपातकालीन सेवाए भी बंद की जा सकती है।