दिव्यांग विद्यार्थियों को मिलेगी विश्वविद्यालय में मुफ्त छात्रावास की सुविधा
शिमला : राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि दिव्यांगजनों को सहानुभूति की जरूरत नहीं बल्कि उनके पास अलग प्रकार की प्रतिभा है। उन्हें अवसर देने की आवश्यकता है।
वह आज हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय एवं उमंग फाउंडेशन शिमला द्वारा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में आयोजित दिव्यांगजनों की प्रतिभा का सम्मान कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने विश्वविद्यालय में छात्रावासों में रह रहे दिव्यांग विद्यार्थियों को हॉस्टल फीस माफ करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन भी समाज का अहम हिस्सा है और उनके पास विशेष प्रतिभा है। इनमें से कई अपने महत्वपूर्ण योगदान से समाज का मार्गदर्शन कर रहे हैं। इसलिए हमें उनके प्रति अपने दृष्टिकोण को बदलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने दिव्यांगजनों के लिए कंप्यूटर, लैपटॉप व अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाकर यह पहल की है।
राज्यपाल ने उमंग फाउंडेशन द्वारा इस दिशा में किए जा रहे कार्यों की सराहना की तथा कहा कि उमंग से प्रेरणा लेकर अन्य सामाजिक संगठनों को आगे आना चाहिए। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन की भी दिव्यांगजनों को दी जा रही सुविधाओं के लिए सराहना की तथा कहा कि इस दिशा में और कार्य किया जाना चाहिए। उन्होंने विश्वविद्यालय सभागार में रैंप निर्मित करने के भी निर्देश दिए।
इस अवसर पर, राज्यपाल ने दिव्यांग प्रतिभाओं को सम्मानित भी किया।
कार्यक्रम के अध्यक्ष एवं उप-कुलपति प्रो. सिकन्दर कुमार ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा हमें संवेदनशील होकर समाज के कमज़ोर वर्गों के लिये कार्य करने की आवश्यकता है। उच्च पद पर बैठकर हर वर्ग की चिंता करने और न्याय करना। विश्वविद्यालय में लीगल सेल गठित कर न्याय देने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि दिव्यांग विद्यार्थियों के सर्वांगित विकास के लिये विश्वविद्यालय कार्य कर रहा है। उन्होंने आम विद्यार्थियों से शैक्षणिक वातावरण को बनाये रखने की अपील की तथा आश्वासन दिया कि विद्यार्थियों की अगर कोई समस्य होगी तो उन्हें बातचीत से हल किया जाएगा।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि एवं यू.जी.सी. सदस्य प्रो नागेश ठाकुर ने कहा कि तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद दिव्यांगजनों ने समाज में मिसाल कायम की है। उन्हें सुविधा देना हम सब का कर्तव्य है ताकि वह आगे बढ़ सके। उन्होंने उमंग फाउंडेशन के प्रयासों की सराहना की।
इससे पूर्व, उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो अजय श्रीवात्सव ने मुख्यथिति का स्वागत किया। उन्होंने फाउंडेशन के गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने राज्यपाल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह पहला अवसर है जब कोई राज्यपाल दिव्यांगजनों के कार्यक्रम में आये हैं, जो उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेह विश्वविद्यालय देश का शायद पहला विश्यविद्यालय होगा जो डिसेबल्ड फ्रेंडली है और ऐसे विद्यार्थियों को आगे बढ़ने के अवसर प्रदान कर रहा है।
इस अवसर पर, दृष्टिबाधित दिव्यांगजनों ने अपने विचार भी सांझा किये तथा गायन के माध्यम से अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित किया।
राज्यपाल द्वारा सम्मानित दिव्यांग प्रतिभाओं की सूची
अकादमिक उत्कृष्टता के लिए सम्मान:
डॉ. दाताराम, एचपीयू के प्रथम दृष्टिबाधित पीएचडी एवं सेवानिवृत कॉलेज प्रोफेसर;
डॉ. लोकेश चंदेल, विधि विभाग के प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, एपीजी यूनिवर्सिटी,
डॉ. दलेल सिंह ठाकुर, वरिष्ठ संपादक, इक्डोल, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पीएचडी के दिव्यांग विद्यार्थी:
मुकेश कुमार-शिक्षा विभाग, लेखराज-इतिहास, मुस्कान एवं श्वेता शर्मा- संगीत विभाग,
प्रतिभा ठाकुर एवं सतीश ठाकुर-राजनीति विज्ञान , इतिका-लोक प्रशासन , सवीना जहां एवं अंजू-हिंदी, अंजना देवी- वनस्पति विज्ञान विभाग, पंकज शर्मा -टूरिज्म, विनोद शर्मा योगाचार्य- योग विभाग, विमल कुमार जाटव-पत्रकारिता विभाग, अजय कुमार एवं राजपाल- इतिहास, मीनू चंदेल- कंप्यूटर साइंस, अनु – संस्कृत, हेम सिंह – कॉमर्स,
ओम प्रकाश -संस्कृत।
एमफिल के लिए सम्मानित:
विजेश कुमार- राजनीति विज्ञान, विनोद कुमार -फिजिक्स, मोहित कपूर- संगीत, अनुज कुमार-अर्थशास्त्र, मीरा देवी -योग।
नेट- स्लेट के लिए सम्मानित:
इंदु कुमारी – राजनीति विज्ञान (नेट), पूनम शर्मा -संस्कृत विभाग (स्लेट)।
राष्ट्रीय पैरालिम्पिक में पदक के लिए सम्मानित
पीयुष शर्मा- व्हील चेयर टेबल टेनिस में कांस्य पदक,
शशि देवी- कबड्डी में स्वर्ण पदक।
रक्तदान के लिए सम्मानित दृष्टिबाधित:
शोभू राम (प्रदेश के प्रथम दृष्टिबाधित रक्तदता- पुरुष),
निशा कुमारी- (प्रदेश की प्रथम दृष्टिबाधित रक्तदता- महिला)
————-‐‐———-
युवा दृष्टिबाधित गीतकार, संगीतकार और गायक: अभिषेक ठाकुर( सन्जौली कॉलेज)
आदर्श दिव्यांग-मित्र शिक्षिका सम्मान:
डॉ. रीता कुमारी, सहायक प्रोफेसर, पत्रकारिता विभाग एवं हॉस्टल वार्डन, राजकीय महाविद्यालय घुमारवीं; डॉ. ज्योति पांडे , सहायक प्रोफेसर एवं हॉस्टल वार्डन, राजकीय कन्या महाविद्यालय, शिमला:
सरिता चौहान, स्पेशल एजुकेटर, पोर्टमोर स्कूल, शिमला।