शिमला : हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में मानसून की भारी बरसात अब लोगों के लिए परेशानी बनती जा रही है। आए दिन भू स्खलन के मामले सामने आ रहे है । ताजा मामलों में भारी बारिश के कारण कोटगढ़, चिड़गांव, मंडी, कुल्लू में भारी भूस्खलन की सूचना है। कोटगढ़ में मंगसू खड्ड में भारी मलवा, पत्थर व भूस्खलन से शिमला को आने वाली सड़क अवरुद्ध हो गई, जिससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इसी तरह छौहारा क्षेत्र के सड़क पर भारी चट्टाने आने का सिलसिला जारी है। लगातार दूसरे दिन रविवार सुबह 8 बजे चिड़गांव रोहल सड़क पर पंचायत घर के समीप लैंडस्लाइड हो गया। सड़क पर पहाड़ी से चट्टानें आने से रोहल- जाब्बल- मगियारी व गांवसारी से संपर्क टूट गया है। फिलहाल किसी के हताहत होने की कोई खबर नही है। लेकिन इस लैंड स्लाइड की चपेट में एक जीप, एक ट्रैक्टर आ गया। जबकि एक मकान क़ो भी नुकसान पहुँचा है। सड़क खोलने में अभी वक़्त लग सकता है।
इसके अलावा जिला मंडी में कथूला के गांव बलवादन में भूस्खलन के कारण 20 बकरियां 6 गाय दब गई, हालांकि इनमें से 2 बकरियां व 5 गाय को मलवे से खींच कर बचा लिया।
वहीं जिला कुल्लू में शैंशर पंचायत के पटाहरा गांव में गुरुवार रात मूसलाधार बारिश से भूस्खलन हुआ, जिससे बड़े-बड़े पत्थर गांव के बीचों-बीच आ पहुंचे। भूस्खलन की वजह से आए इन पत्थरों से एक गरीब हीरालाल शर्मा के मकान को काफी नुकसान हुआ। इस कारण उनको पूरे परिवार सहित दूसरे के घर में रात गुजारनी पड़ी। देर रात आए भारी भरकम पत्थरों की वजह से शर्मा का एक कमरा और शौचालय पूरी तरह से नष्ट हो गया।
उन्होंने बताया कि इस कमरे में लकड़ी की बेड, खेतीबाड़ी से उगाए अनाज सहित पूरे साल भर का राशन रखा हुआ था, लेकिन रात को हुए भूस्खलन से सीमेंट का बना पक्का कमरा व शौचालय पूरी तरह तहस-नहस हो गया। ढलानदार जगह होने के कारण यहां अभी भी पत्थरों के गिरने का खतरा बना हुआ है, जिससे हीरालाल व लीलाधर शर्मा का मकान भी खतरे की जद में है। पत्नी, दो बेटों, एक बहू और पोते सहित कुल छह सदस्यों के साथ खेती बाड़ी से अपना जीवन यापन करने वाले हीरा लाल काअपने घर के साथ करीब 5 वर्ष पहले मुश्किल से सीमेंट का कमरा तैयार किया था, जिसमें शौचालय व बाथरूम भी बनाए गए थे। लेकिन देर रात हुए भूस्खलन से यह पूरा कमरा व शौचालय क्षतिग्रस्त हो गए। पत्थर इतने बड़े-बड़े थे कि पूरे कमरे का लेंटर ही एक तरफ फेंक दिया और दीवारें भी सारी तोड़ दी। हालांकि इसमें किसी तरह की जनहानि नहीं हुई।
पंचायत प्रधान मथुरा देवी, उपप्रधान रोशन लाल तथा वार्ड सदस्या फूला देवी ने कहा कि हीरालाल का काफी नुकसान हुआ तथा पूरे परिवार को रात को ही दूसरे के घर में शिफ्ट किया गया। इसकी सूचना प्रशासन को दे दी गई है।
उधर हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के जोगिंद्र नगर के गुम्मा में भूस्खलन से
मंडी पठानकोट हाईवे पर आधी रात से यातायात ठप हो गया है। जोगिंद्र नगर शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर सड़क पर चट्टान और भारी मलबा गिर जाने से हाईवे पर सैकड़ों वाहन फंस गए हैं। परीक्षार्थी भी फंसे हुए हैं।
घंटों बीत जाने के बाद भी विभाग की मशीनरी हाईवे बहाली के लिए नहीं पंहुच पाई है। इससे मौके पर फंसे यात्रियों और परीक्षार्थियों में गुस्सा है। बताया जा रहा है आधी रात करीब दो बजे से सड़क पर पत्थर और मलबा गिरना शुरू हो गया था। सुबह होते ही हाईवे पूरी तरह से मलबे से भर गया।
जोगिंद्र नगर शहर से होकर एक जेसीबी मशीन गुम्मा के लिए रवाना हुई। ऐसे में हाईवे बहाली के लिए करीब एक घंटा और लग सकता है। एसडीएम जोगिंद्र डा मेजर विशाल शर्मा ने बताया कि हाईवे बंद होने की सूचना मिलते ही विभागीय अधिकारियों, पुलिस को मौके पर पहुंच गए हैं तथा हाईवे बहाली का कार्य शुरू किया जा चुका है। इसे जल्द बहाल कर दिया जाएगा।