कांग्रेस का सदन में हंगामा, किया वाकआउट, सिंघा ने भी कांग्रेस के साथ किया वाकआउट
शिमला, 4 अगस्त :
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मानसून सत्र के तीसरे दिन आज भी हंगामा हुआ। विपक्ष ने प्रदेश में बेरोजगारों से हो रहे खिलवाड़ व चोर दरवाजे से हो रही नियुक्ति का मामला उठाया और इस मुद्दे पर नियम 67 के तहत चर्चा की मांग की। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने नियमों का हवाला देते हुए इसकी अनुमति नहीं दी। इससे नाराज विपक्ष ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दिया तथा नारे लगाते हुए सदन से बाहर चले गए। विपक्ष के इस मुद्दे पर माकपा विधायक राकेश सिंघा ने भी कांग्रेस का साथ दिया तथा विपक्ष के साथ वाकआउट किया।
आज विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष के कुछ सदस्य अपनी अपनी सीट पर खड़े हो गए तथा इस मामले को उठाने लगे। इससे सदन में शोर शराबा होने लगा। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष को शांत करते हुए कहा कि आज सुबह 9 बजकर 47 मिनट पर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, विधायक आशा कुमारी, इंद्र दत्त लखनपाल, कर्नल धनी राम शांडिल व राजिंदर राणा ने नियम 67 के प्रस्ताव दिया था। उन्होंने कहा कि इसी विषय पर वर्तमान सत्र में 2 अगस्त को विपक्ष की ओर से मुकेश अग्निहोत्री, सुखविंद्र सिंह सुक्खू व विक्रमादित्य सिंह के सवाल पर विस्तृत उत्तर उपलब्ध करवाया है। इसके अलावा नियम 130 के तहत भी सदस्यों से सूचना प्राप्त हुई है। इसलिए वह विपक्ष के इस प्रस्ताव को अस्वीकार करते हैं।
लेकिन विपक्ष अपनी मांग पर अड़ा रहा तथा सदन में नारेबाजी करने लगे। इसी शोर शराबे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल शुरू किया। इसके बाद विपक्ष के सदस्य नारे लगाते हुए सदन से बाहर चले गए।
सदन से बाहर विधानसभा परिसर में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने सरकार पर पिछले दरवाजे से आउटसोर्स पर भर्ती का आरोप लगाया। उन्होंने सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की। उन्होने कहा कि मेरिट के आधार पर भर्तियां की जाय। उन्होंने कहा कि दो विधानसभा क्षेत्रों से ही भर्तियां हो रही है। उन्होंने याद दिलाया कि भर्ती घोटाले में जेल में बंद हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री अब बाहर आए हैं। कांग्रेस विधायक इंद्र दत्त लखनपाल व राजिंदर राणा ने भी सरकार पर चोर दरवाजे से भर्तियों का आरोप लगाया।
पत्रकारों से बात करते हुए राकेश सिंघा ने कहा कि यदि इस पर आंदोलन करने की जरूरत पड़ी तो वह पीछे नहीं रहेंगे।