संघ की चेतावनी, जब तक नोकरी नहीं दी , आंदोलन रहेगा जारी…….
शिमला : हिमाचल प्रदेश करूणामुलक संघ के प्रदेशा अध्यक्ष अजय कुमार की अध्यक्षता में करुणामूलक पदाधिकारी सलाहकार शशि पाल सचिव रजत पठानिया मीडिया प्रभारी गगन कुमार ने शिमला मैं सरकार के खिलाफ शेर ए पंजाब से लेकर उपायुक्त कार्यालय शिमला तक करुणामूलक परिवारों के साथ मिलकर रोष रैली निकाली इन पीड़ित परिवारों के हित मैं वर्तमान सरकार कोई फैसला नहीं ले पा रही है ! प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार का कहना है कि लगभग 110 दिनों से यह करुणामूलक परिवार कालीबाड़ी मंदिर के पास एक वर्षा शालिका में क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं परंतु सरकार इनके प्रति उदासीन है सरकार इन के हक में कोई फैसला नहीं ले पा रही है उनका कहना है कि ऐसा कोई जनमंच नहीं है जहां पर इन्होंने आवाज ना उठाई हो वर्तमान सरकार के मंत्रियों से लेकर मुख्यमंत्री के समक्ष भी इन करुणामूलक परिवारों की पीड़ा को उजागर किया परंतु आश्वासनों के सिवा इन परिवारों को कुछ नहीं मिला ! ऐसा कोई विधानसभा क्षेत्र नहीं है जहां पर यह मुख्यमंत्री व मंत्रियों से ना मिले हो ! परंतु सरकार के झूठे आश्वासनों के कारण यह परिवार दर- दर की ठोकरे खाने को मजबूर हो गए हैं परंतु सरकार के कानों मैं जू तक नहीं रेंग रही ! यह करुणामूलक परिवार पिछले 110 दिनों से क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे है संघ के अध्यक्ष का कहना है अगर सरकार अभी भी इन करुणामूलक परिवारों के हित में कोई फैसला नहीं लेगी तो अब यह परिवार चुप नहीं बैठेंगे और आने वाले टाइम पर उग्र आंदोलन करेंगे अध्यक्ष का कहना है कि शरद ऋतु भी शुरू हो गई परंतु सरकार ने इन करुणामूलक आश्रितों के बारे में विचार नहीं किया ! संघ ने करूणामुलक नौकरी बहाली की गुहार लगाई
और आगामी कैबिनेट में भी इस मुददे को उठाने को कहा |
प्रदेशा अध्यक्ष अजय कुमार का कहना है कि करूणामुलक संघ 110 दिनों से शिमला में कालीबाड़ी मंदिर के समीप वर्षा शालिका मैं क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठा है भरी बरसात ठंड के माहौल में यह परिवार वर्षा शालिका मैं गुजार चुके हैं पर प्रदेश सरकार से कोई भी इनका हाल-चाल जानने नहीं आया है न ही किसी ने सुध ली है !
प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार का कहना है कि सरकारी नौकरी देने के मामलों पर अभी सरकार कोई अंतिम फैसला नही ले पाई है जबकि सरकार के पास विभिन्न विभागों में 4500 से ज्यादा मामले है प्रभावित परिवार करीब 15 साल से नौकरी का इंतजार कर रहें है उन्होने बताया कि कई विभागों में कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु होने के बाद आश्रित परिवार दर दर की ठोंकरें खाने को मजबुर है हिमाचल इस तरह के सेंकडों मामले है 15 साल बीत जाने के बाद भी आश्रितों को नोकरी नही मिल पाई है हर रोज कार्यालयों के चक्कर लगा रहे लेकिन अशवाशनों के सिवा आज दिन तक कुछ हाथ नही लगा है करूणामुलक आश्रितों का कहना है कि उनके परिवार में कोई भी सरकारी नौकरी नही करता है इन के परिवारों की आर्थिक स्थिती अच्छी नही है सभी करूणामुलक आश्रितों ने प्रशासन व प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि आगामी कैबिनेट में करूणामुलक नौकरीयों पर सरकार उचित फैसला लें ।
मुख्य मांगे :-
1) समस्त विभागों, बोर्डों, निगमों में लंबित पड़े करुणामूलक आधार पर दी जाने वाली नोकरियों के केसों को जो 7/03/2019 की पॉलिसी मे आ रहे हैं उनको One Time Settlement के तेहत सभी को एक साथ नियुक्तियाँ दी जाएं |
2) करुणामूलक आधार पर नोकरियों वाली पॉलिसी में संसोधन किया जाए व उसमे Rs 62500 एक सदस्य सालाना आय सीमा शर्त को पूर्ण रूप से हटा दिया जाए ब 5% कोटा की शर्त को पूर्ण रूप से हटा दिया जाए ताकि विभाग अपने तोर पर नियुक्तियाँ दे सके
3) योग्यता के अनुसार आश्रितों को बिना शर्त के सभी श्रेणीयो में नौकरी दी जाऐ !
4) जब किसी महिला आवेदक की शादी हो जाती है तो उसे पॉलिसी से बाहर किया जाता है इस शर्त को भी हटाया जाए
5) जिनके कोर्ट केस वहाल हो गए हैं उन्हे भी नियुक्तियाँ दी जाए
बता दें कि करुणामूलक आधार पर सरकारी नौकरी देने के मामला दिन प्रतिदिन जोर पकड़ता जा रहा हैं पर अभी तक सरकार अपना रवैया स्पष्ट नही कर पायी है। जवकि सरकार के पास विभिन्न विभागों में करुणामूलक के लंबित करीब 4500 से ज्यादा मामले पहुंचे हैं और प्रभावित परिवार करीब 15 साल से नौकरी का इंतजार कर रहे हैं।