शिमला : भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) की केंद्रीय कमेटी के देशव्यापी आह्वान पर प्रदेश में भाजपा की मोदी सरकार के द्वारा महंगाई बढ़ाने वाली नीतियों के विरोध में 2 अप्रैल, 2022 को प्रदेशव्यापी प्रदर्शन किये जाएंगे। मोदी सरकार की नीतियों के चलते पेट्रोलियम पदार्थों, रसोई गैस, खाद्य व अन्य वस्तुओं की कीमतों में निरंतर वृद्धि की जा रही है। हाल ही में रसोई गैस के घरेलू सिलिंडर में 50 रुपये की वृद्धि कर इसकी कीमत 1052 रुपये कर दी गई है तथा गत 10 दिनों में पेट्रोल के दाम में 6.40 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की गई है तथा आज यह 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक भाव पर बिक रहा है। इसी तरह से डीज़ल की कीमतों में भी वृद्धि की जा रही है। जबकि पिछले एक सप्ताह में अंतराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में 27% की कमी आई है। सरकार की इन नीतियों के चलते देश में कमरतोड़ महंगाई बढ़ रही है और आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। पार्टी मांग करती है कि सरकार पेट्रोलियम पदार्थों पर केंद्रीय कर, सेस व सरचार्ज में तुरन्त कटौती कर आमजन को महंगाई से राहत प्रदान करे। गैर आयकरदाताओ के खाते में सरकार 7500 रुपये प्रति माह डाले तथा इनको 35 किलो राशन मुफ्त उपलब्ध करवाया जाए। आमजन से भी अपील करती है कि मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों को पलटने के लिए महंगाई के विरुद्ध इस प्रदर्शन का हिस्सा बने।
2014 में जबसे देश में बीजेपी के नेतृत्व में एन डी ए की सरकार बनी है तबसे लेकर सरकार की नीतियों के कारण देश में महंगाई, बेरोजगारी व कृषि का संकट बढ़ा है। एक ओर सरकार पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य व अन्य मूलभूत आवश्यकताओ का निजीकरण तथा देश के सार्वजनिक क्षेत्र को बेचने का कार्य कर रही है और दूसरी ओर पेट्रोलियम पदार्थों, रसोई गैस, खाद्य व अन्य वस्तुओं पर टैक्स व सेस बढ़ाकर आम जनता पर आर्थिक बोझ डाल रही है। इन्हीं नीतियों के चलते सरकार द्वारा अपने चेहते अडानी अंबानी व अन्य कॉरपोरेट घरानों तथा कंपनियों को लाखों करोड़ों रुपए की छूट दी जा रही है जिसके कारण आज अमीर और अमीर व गरीब और गरीब हो रहा है। इससे देश में एक ओर अरबपतियों की संख्या बढ़ रही है और दूसरी ओर रोज़गार समाप्त हो रहा है और बेरोजगारी बढ़ रही है। इससे आम जनता के लिए रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
सीपीएम मोदी सरकार की महंगाई, बेरोजगारी व कृषि संकट पैदा करने वाली इन आमजनविरोधी कॉरपोरेटपरस्त नवउदारवादी नीतियों को बदलने तथा जनहित की वैकल्पिक नीतियों के लिए जनता को लामबंद कर अपने संघर्ष को तेज करेगी तथा तब तक जारी रखेगी जब तक इन नीतियों न बदला जाएगा।