प्रदेश की पारंपरिक लोक संस्कृति से रूबरू होंगे पर्यटक।
शिमला : निदेशक भाषा एवं संस्कृति विभाग डॉ पंकज ललित ने जानकारी देते हुए बताया कि भाषा एवं संस्कृति विभाग हर वर्ष प्रथम नवम्बर को राज्य तथा जिला स्तर पर पहाड़ी दिवस समारोह का आयोजन करवाता है। इस वर्ष राज्य स्तरीय पहाड़ी दिवस का आयोजन 30 अक्तूबर से 1 नवम्बर, 2023 तक गेयटी थियेटर शिमला में करवाया जा रहा है।
डॉ पंकज ललित ने बताया कि सन् 1966 ई० को पंजाब राज्य पुनर्गठन पर उन पहाड़ी क्षेत्रों को हिमाचल प्रदेश के साथ मिला दिया गया जिनका भौगोलिक वातावरण, रहन-सहन, बोलियों आदि का सामीप्य हिमाचल प्रदेश के साथ मिलता-जुलता था। इस प्रकार प्रथम नवम्बर, 1966 ई० को विशाल हिमाचल का गठन हुआ जिसमें पंजाब से हिमाचल में कांगड़ा, कुल्लू और लाहौल-स्पीति जिला अस्तित्व में आए। इसी परिप्रेक्ष्य में विभाग प्रति वर्ष 1 नवम्बर को पहाड़ी दिवस मनाता है जिसमें पहाड़ी बोलियों, पहाड़ी साहित्य व संस्कृति को प्रोत्साहन देने हेतु विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन करवाता आ रहा है।
डॉ पंकज ललित ने बताया कि राज्य स्तर पर पहाड़ी दिवस समारोह के दौरान शिमला के एम्फी थियेटर में 30 अक्तूबर से 1 नवम्बर, 2023 तक पारम्परिक वाद्ययंत्रों तथा सांस्कृतिक नृत्यों की प्रस्तुति का आयोजन करवाया जाएगा। 30 अक्तूबर, 2023 को चोल्टू नृत्य (शिमला), पारम्परिक लोक वाद्य दल (शिमला), मुसादा गायन (चम्बा), चुराही लोकनृत्य (चम्बा), करयाला लोकनाटय (शिमला), नागरी लोकनृत्य (मण्डी), हासल लोक गायन (शिमला/सिरमौर), 31 अक्तूबर, 2023 को बुड़ियाच लोकनृत्य (शिमला), पारम्परिक लोक वाद्य दल (सिरमौर), गडूदी लोकनृत्य (कांगडा), मोडणा/गंगी (बिलासपुर), झूरी लोक गायन (शिमला), मुसादा गायन (चम्बा), भर्तृहरि लोक गायन (शिमला/सिरमौर), लोक नाट्य भगत (कांगड़ा), पारम्परिक लोक वाद्य दल (मण्डी) तथा 1 नवम्बर, 2023 को ठोडा लोक नृत्य (शिमला), करयाला थ स्थांग (शिमला), मुसादा गायन (चम्बा), बुड़ियाच लोकनृत्य (शिमला), झूरी लोक गायन (शिमला), पारम्परिक लोक वाद्य दल(मण्डी), लोक रामायण / भर्तृहरि लोक गायन (शिमला सिरमौर) की प्रस्तुति करवाई जा रही है जिसमें पूरे प्रदेश भर की लोक संस्कृति की झलक दिखाई जाएगी। 31 नवम्बर, 2023 को प्रातः 11:30 बजे गेयटी थियेटर के सम्मेलन कक्ष में लेखक गोष्ठी होगी जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में सचिव, विधान सभा, हिमाचल प्रदेश, श्री यशपाल शर्मा उपस्थित रहेगें। कार्यक्रम की अध्यक्षता पद्मश्री विद्यानांद सरैक द्वारा की जाएगी। डॉ०ओ.पी. शर्मा ” पहाडी भाषा की संवर्धक हिमाचली बोलियों” विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे तदोपरांत प्रदेश भर से लगभग दो दर्जन से ऊपर के पहाड़ी भाषी आमन्त्रित विद्वानों और समीक्षकों द्वारा शोध पत्र पर परिचर्चा की जाएगी। 1 नवम्बर, 2023 को राज्य स्तरीय पहाड़ी कवि सम्मेलन होगा जिसमें जिला शिमला के उपायुक्त, श्री आदित्य नेगी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होंगे तथा कवि सम्मेलन में प्रदेश भर से लगभग 40-50 पहाड़ी भाषी विद्वान अपनी कविताएं पहाड़ी बोली में प्रस्तुत करेंगे।