शिमला, 8 अगस्त :
प्रदेश कांग्रेस महासचिव लाहौल-स्पीति विधानसभा चुनाव क्षेत्र के पार्टी प्रभारी महेश्वर चौहान ने सरकार पर जनजातीय क्षेत्र लाहौल-स्पीति की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि इस क्षेत्र की पंचायती राज संस्थाओं को भी कमजोर कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने इस कार्यकाल में इस दुर्गम क्षेत्र का न तो कोई दौरा ही किया और ही इस क्षेत्र की समस्याओं को देखा ही है।
आज प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में एक सयुंक्त पत्रकार सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए महेश्वर चौहान ने कहा कि मंडी संसदीय क्षेत्र के उप चुनाव की आहट के साथ ही कुंभकर्णी नींद में सोई जयराम सरकार भी जाग गई है और अब चुनावी घोषणाओं में जुट गई है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में प्राकृितक आपदा से हुए दर्दनाक हादसे में कई जानें गई और करोड़ों का नुकसान हुआ है। फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है, सड़कें और पुल ध्वस्त हो चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार अभी तक इस क्षेत्र के लोगों को राहत देने में नाकाम रही है, जबकि मुख्यमंत्री सहित अन्य सभी मंत्री उप चुनावों के प्रचार में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की दोहरी नीति का शिकार लाहौल-स्पीति की पंचायतीराज की संस्थाएं हुई हैं और अब निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों के स्थान पर सरकारी कर्मचारियों को शक्तियां देकर लोकतंत्र को अपमानित किया जा रहा है।
महेश्वर चौहान ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस जनजातीय क्षेत्र के पंचायतीराज संस्थानों की बहाली के लिए वचनबद्ध है और हर कीमत पर इसकी बहाली करवाई जाएगी। इसके लिए पार्टी हर स्तर पर लड़ने को तैयार है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में एक प्रतिनिधिमंडल में राज्य निर्वाचन आयुक्त से मुलाकात कर मांग की कि इस जिले में पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव जल्द से जल्द करवाए जाएं। उन्होंने कहा कि आयोग ने यदि समय रहते उचित कदम न उठाया तो कांग्रेस पार्टी न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी।
उधर, पत्रकार सम्मेलन में राष्ट्रीय जनजातीय आयोग के उपाध्यक्ष व लाहुृौल स्पीति के पूर्व विधायक व कांग्रेस उपाध्यक्ष रवि ठाकुर ने कहा कि सरकार जानबूझकर कर लाहौल-स्पीति जिले की उपेक्षा कर रही है। उन्होंने कहा कि यहां प्रशासन नाम की कोई चीज नहीं है। बादल फटने व नालों में बाढ़ आने से सहमे लोग गुफाओं में रहने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि इस आपदा से प्रभावित लोगों को सरकार की ओर से कोई भी आर्थिक मदद नहीं मिली है।
रवि ठाकुर ने विधायक व तकनीकी शिक्षा मंत्री राम लाल मार्कण्डे पर आरोप लगाया कि उन्होंने चुनाव के समय जो झूठा शपथ पत्र दिया था। उस बारे उन्होंने एक चुनाव याचिका दायर की है। उन्होंने हैरानी जताई कि किसी भी राज्य का केबिनेट मंत्री कई महीनों तक न्यायिक प्रक्रिया से बचता रहे और समन तामील न हो। उन्होंने कहा कि जो मंत्री रोजाना सरकारी कार्यक्रमों में फीते काटे, केबिनेट की बैठकों में शिरकत करे और न्यायिक प्रक्रिया में शामिल न हो। उनका कहना था कि हिमाचल प्रदेश के इतिहास में शायद ही ऐसा कोई उदाहरण हो, कि राज्य के मंत्री को दस्ती समन तामील करवाए गए हों। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को इस मामले में स्वतः संज्ञान लेना चाहिए था, लेकिन हैरानी की बात है कि सरकार इस मामले पर खामोश है।
रवि ठाकुर ने कहा कि मंत्री ने अपने शपथ पत्र में अपनी संपत्तियों का उल्लेख नहीं किया और जनता में यह बताने का प्रयास किया कि वह आम गरीब परिवार से संबंध रखते हैं। इससे चुनाव प्रचार में जनता भ्रमित हुई और जनमत प्रभावित हुआ, जोकि एक दंडनीय अपराध है। रवि ठाकुर ने कहा कि उन्होंने इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की है और इस केस में एक व्यक्ति को छोड़ सभी की गवाही हो गई है। इसमें केवल मात्र मात्र मंत्री व क्षेत्र के विधायक अपनी गवाही देने नहीं आए हैं। उन्होंने कहा कि मंत्री कोर्ट और जनता को बताएं कि सच्चाई क्या है।
रवि ठाकुर ने कहा कि जिस तरह का सीमा विवाद आसाम और मिजोरम का है, ठीक उसी तरह का विवाद हिमाचल के लाहौल-स्पीति का जम्मू-कश्मीर के लद्दाख के साथ भी है। उन्होंने कहा कि शिंकुला और सरचू में कई किमी. अंदर तक जेएंडके पुलिस घुसी है और वहां पर सीमावर्ती गांवों में लोग दहशत में है। उन्होंने सरकार से मांग की इस विवाद को सुलझाया जाए और इसके लिए सीमा की जल्द डिमार्केशन करवाई जाए। उन्होंने अटल टनल रोहतांग में इसके शिलान्यास की पट्टिका तुरंत स्थापित करने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि इसका शिलान्यास यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किया था और इसकी पट्टिका वहां पर लगनी चाहिए।