शिमला : हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ राज्य कार्यकारिणी के वरिष्ठ उप -प्रधान जगदीश कोंडल , उप – प्रधान हरविंदर , सुरेश कुमार , प्रेस सचिव बलवंत ठाकुर , वेब सचिव सुशील ठाकुर , अमित कौशल ,राजेश शर्मा , संजीव ,अनिल शर्मा ,सुरेश शर्मा ,विनोद कौशल ,संजीव कौशल , मनोज ठाकुर , प्रीतम सान्खायन ,राजेन्द्र ,तिलक धर्माणी , गुरमीत , अरविन्द अत्तरी , प्रशांत , रवि कान्त , पवन ठाकुर , विकास चौहान, सुनील , धर्म पाल ने सयुंक्त बयान जारी करते हुए कहा की मुख्यमंत्री द्वारा पालमपुर में की गयी घोषणा को सराकर पूरा करे |
पालमपुर में प्रवक्ताओं के अधिवेशन में मुख्याम्नात्री ने घोषणा की थी कि पदोन्नति के लिए प्रवक्ताओं का कोटा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत किया जाएगा , मगर तीन वर्ष बाद भी घोषणा महज घोषणा ही रह गयी है ,इस से प्रदेश के 18500 प्रवक्ताओं में भारी रोष है | प्रवक्ता संघ ने पुरजोर मांग की कि मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार ने 23 नवंबर 2018 को प्रधानाचार्य पद के लिए प्रवक्ताओं के कोटे में 10% वृद्धि की घोषणा की थी, उसे तुरंत लागू करें ।
मुख्याध्यापक जो कि पहले ही पदोन्नति का लाभ हो चुके होते हैं, मात्र तीन चार साल में प्रधानाचार्य बन जाते हैं, लेकिन प्रवक्ताओं को पहली पदोन्नति के लिए लगभग 24 से 25 वर्ष का इंतजार करना पड़ता है।23 नवंबर 2018 को माननीय मुख्यमंत्री ने इस स्थिति को समझ कर पालमपुर में घोषणा की थी कि प्रवक्ताओं का पद्धति कोटा 50 से 60% किया जाता है|लेकिन तीन साल के बाद भी सरकार इसे लागू नहीं कर पाई।
जो कर्मचारियों के समानता के अधिकार का हनन है।
स्कूल प्रवक्ता संघ के वरिष्ठ उप -प्रधान जगदीश कोंडल का कहना है कि
वरिष्ठ उप -प्रधान जगदीश कोंडल का कहना है कि आज स्कूल प्रधानाचार्य की पदोन्नति के दो फीडिंग कैडर हैं स्कूल प्रवक्ता और मुख्य अध्यापक ।
इस समय स्कूल प्रवक्ताओं की संख्या 18500 से अधिक है और मुख्य अध्यापकों की संख्या लगभग 924 है।दोनों कैडर के लिए प्रधानाचार्य का पदोन्नति कोटा 50 : 50 प्रतिशत है, जो कि 95 % ( प्रवक्ता ) और 5 % ( मुख्याध्यापक ) बनता । अगर सरकारी नियमों की बात की जाई तो प्रवक्ताओं को 95% कोटा बनता है | संघ लगातार इस विषय पर संवाद कर रहा है, लेकिन शिक्षा विभाग के उच्च सचिवालय अधिकारी असंवेदनशीलता दिखा रहे हैं ,जो सरकार के लिए घातक है। यदि मुख्यमंत्री की घोषणा ही लागू नहीं हो पा रही है तो किस पर विश्वास किया जाए। कुछ tgt समाचार पत्रों के माध्यम से अनाब सनाब आंकड़े पेश कर रहे जबकि प्रधानाचार्य की पदोन्नति से TGT की संख्या का कोइ लेना देना नहीं | नियमों के अनुसार केवल फीडिंग कैडर की संख्या को ही गिना जाता है जबकि TGT प्रधानाचार्य की पदोन्नति के लिए फीडिंग कैडर नहीं है |
एक सफल करियर का समापन और एक नई यात्रा की शुरू : मनोज, नाथपा झाकडी हाइडो पावर स्टेशन में रिटारमेंट समारोह
झाकडी : नाथपा झाकडी हाइडो पावर स्टेशन में आज तीन कर्मियों की सेवानिवृत्ति का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ । जिसमें चन्द्रमोहन...
Read more