“प्रकृति के प्रति उत्तरदायित्व की ओर एक सशक्त कदम”
शिमला : जब प्रकृति पुकारती है, तो उत्तरदायित्व की भावना जाग उठती है। इसी सोच के साथ आज राजकीय केंद्र प्राथमिक पाठशाला, पोर्टमोर, शिमला में उप निदेशक प्रारंभिक शिक्षा, शिमला द्वारा एक दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें इको क्लब प्रभारी शिक्षकों को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में और अधिक सशक्त बनाने का प्रयास किया गया।
यह आयोजन हिमकॉस्ट (HIMCOSTE) के मार्गदर्शन तथा सहयोग से उप निदेशक प्रारंभिक शिक्षा, शिमला के प्रयासों द्वारा संपन्न हुआ। कार्यशाला की मुख्य अतिथि श्रीमती निशा भलूनी, उप निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा, शिमला रहीं, जिनकी प्रेरक उपस्थिति ने सभी प्रतिभागियों को प्रकृति के प्रति अपनी भूमिका को और अधिक गंभीरता से निभाने का संदेश दिया।
मुख्य अतिथि श्रीमती निशा भलूनी ने अपने वक्तव्य में अध्यापकों को संदेश देते हुए कहा…..
“पर्यावरण केवल हमारे चारों ओर फैली हरियाली या पहाड़ियों की सुंदरता तक सीमित नहीं है — यह हमारी साँसों में, हमारे विचारों में और हमारे भविष्य में बसता है। एक शिक्षक के रूप में हम केवल ज्ञान नहीं, संस्कार और संवेदनाएँ भी बोते हैं। आज जब पृथ्वी संकट की ओर बढ़ रही है, तब हमें अपने छात्रों में प्रकृति के प्रति उत्तरदायित्व का बीज बोना है। हमारी सभी पाठशालाएं, सीमित संसाधनों के बावजूद, यदि पर्यावरण संरक्षण की मिसाल बन सकती हैं, तो वह हमारी निष्ठा और प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
आज की यह कार्यशाला न केवल एक प्रशिक्षण सत्र है, बल्कि एक संकल्प है — हम सब मिलकर ‘हरित सोच’ को ‘शिक्षा की आत्मा’ बनाएँगे। मैं सभी इको क्लब प्रभारी शिक्षकों से आग्रह करती हूँ कि वे अपने विद्यालयों को केवल शिक्षण संस्थान नहीं, बल्कि ‘प्रकृति मित्र केंद्र’ के रूप में विकसित करें। हम एक ऐसी पीढ़ी का निर्माण करें जो सिर्फ परीक्षा में पास न हो, बल्कि जीवन के हर मोड़ पर पृथ्वी का साथ निभाने को तत्पर हो।”
इस आयोजन के पीछे जिस प्रेरणा और नेतृत्व की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रही, वह हैं श्री पंकज शर्मा, जिला विज्ञान पर्यवेक्षक, शिमला। उनके निरंतर प्रयासों और समर्पण के चलते शिमला जिला इस क्षेत्र में अग्रणी बनकर उभरा है। उन्होंने इस कार्यक्रम के माध्यम से विद्यालयों में कार्यरत ग्रीन स्कूल प्रभारी शिक्षकों को प्रेरित करने तथा उन्हें जानकारी प्रदान करने का उद्देश्य रखा, ताकि सभी शिक्षक ग्रीन स्कूल कार्यक्रम के तहत किए जाने वाले कार्यों को सही जानकारी के साथ प्रभावी ढंग से लागू कर सकें और बच्चों को भविष्य में आने वाली जलवायु चुनौतियों से निपटने के लिए सक्षम बना सकें।
श्री पंकज शर्मा का मानना है कि “यदि शिक्षक स्वयं प्रकृति से जुड़कर कार्य करेंगे, तो वे अपने विद्यार्थियों में भी वही संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का भाव विकसित कर पाएंगे।” इस कार्यशाला ने शिक्षकों को सशक्त बनाया और उन्हें एक नई दृष्टि दी।
कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण जानकारी साझा की:
श्री रवि शर्मा, राज्य समन्वयक, इको क्लब, HIMCOSTE
श्री आशीष शर्मा, इको विज्ञान फाउंडेशन
श्री श्रेय गुप्ता, इको विज्ञान फाउंडेशन
श्री दीपक शर्मा, प्रवक्ता जीवविज्ञान, GSSS मशोबरा
विशेष अतिथि के रूप में श्री मनीष कुमार, अनुभाग अधिकारी, उप निदेशक प्रारंभिक शिक्षा, शिमला , राजेन्द्र तपवाल अधीक्षक ग्रेड -1 उपनिदेशक प्रारंभिक शिक्षा शिमला तथा श्री संजीव जिष्टू, केंद्रीय मुख्य शिक्षक, पोर्टमोर भी उपस्थित रहे, जिन्होंने कार्यक्रम की सराहना करते हुए अपना सहयोग प्रदान किया।
कार्यक्रम का समापन प्रतिभागियों की भावनात्मक प्रतिक्रिया और अनुभव साझा करने के साथ हुआ। सभी प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। यह आयोजन न केवल एक कार्यशाला था, बल्कि एक नई सोच और दिशा की ओर पहला कदम भी था — प्रकृति के साथ मिलकर, भविष्य को बचाने की ओर कदम उठाए।