मलाणा : हिमाचल प्रदेश में भांग की खेती को कंट्रोल-वे में लीगेलाइज किया जा सकता है। सरकार इसके लिए पड़ोसी राज्य उत्तराखंड की पॉलिसी का अध्ययन कर रही है। इस तरह के संकेत मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दिए हैं।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ऐतिहासिक लोकतंत्र मलाणा में पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि विदेशों में भांग की खेती से सैंकड़ो उत्पाद बन रहे हैं। उन्होंने कहाकि भांग की मेडिसन वैल्यू बहुत ज्यादा है। भांग के रेसे से पुले, रस्सी बनती है। भांग से विदेशों में सैंकड़ो तरह के उत्पाद तैयार होते हैं। ऐसे में चरस के लिए पाबंदी है लेकिन भांग की वस्तुओं का उपयोग किया जाता है।
उन्होंने कहा कि भांग की खेती से बहुत सारी चीजें निकलती हैं जिससे पूराने समय में भांग के तेल को खाने के लिए उपयोग किया जाता था। उन्होंने कहाकि लोग घरों तेल से पकवान बनाते थे, जिससे स्थानीय बोली में मंगोहलू कहते हैं, जो भांग का बीज होता है। भांग से विदेशों में सैंकड़ो तरह के उत्पाद तैयार होते हैं ऐसे में चरस के लिए पाबंदी है लेकिन भांग की वस्तुओं का उपयोग किया जाता है।
ऐसे में सरकार भांग की खेती को लीगल करने के लिए उतराखंड की पॉलिसी का अध्ययन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भांग की खेती को कंट्रोल वे में उत्पादन करने की दिशा में गम्भीरता से विचार कर रही है। उन्होंने कहाकि विदेशों मे भी भांग की खेती को कंट्रोल-वे में होती है उसको लेकर एक टीम इसका अनालिसस कर रही है। उन्होंने कहा कि भांग की खेती को मेडिसन बैल्यू के लिए उपयोग करने से लोगो को इसका फायदा होगा और इस दिशा में सरकार के प्रयास है इसको लेकर आने बाले मे सरकार के तौर पर प्रयास किए जाएंगे।
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