शिमला: जिला शिमला में जुब्बल के गेजटा व भरोट गांव के समीप फिर एक दर्दनाक हादसा हुआ है। यहां रात के अंधेरे में 250 से अधिक भेड़-बकरियों की नाले में गिरने से हुई दर्दनाक मौत हुई है। इससे बकरी पालकों को भारी नुकसान हुआ है।
जानकारी के अनुसार भेड़ पालक दुर्गम क्षेत्र डोडरा क्वार से करीब 35 लोगों की लगभग 1700 भेड़ व बकरियों को लेकर पौंटा साहिब की ओर जा रहे थे। गत देर रात जब यह गेजटा व भरोट गांव के समीप एक नाले से गुजर रहे थे तो रास्ते के टूटा हुआ होने के कारण बकरियां क्लबर्ट में एक के ऊपर दूसरी गिरती चली गई। इससे पहले गिरी करीब 250 बकरियों के नीचे दबने से मौत हो गई। ये आंकड़ा अभी और बड़ सकता है।15 दिन पहले भी इसी जगह गिरने से 65 बकरियों की मौत हो गई थी।
इन बकरियों की मौत का कारण सड़कें बनने के चलते पारम्परिक पुराने रास्तों का समाप्त होना भी रहा। इन भेड़ पालकों ने बताया कि यहां नाले से एक पुराना रास्ता होता था, जिससे वह हर साल भेड़ बकरियों को लेकर जाते हैं। लेकिन वहां से सम्पर्क सड़क निकलने के कारण पारम्परिक रास्ता खराब हो गया। रात के अंधेरे में इन्हें रास्ते के खराब होने का पता नहीं चला तथा जब भेड़ पालकों के पीछे भेड़ और बकरियां वहां से गुज़री तो भेड़ पालक तो वहां से निकल गए लेकिन भेड़ व बकरियां गिरती चली गई। इस दौरान भेड़ पालकों ने बकरियों को रोकने का प्रयास भी किया, लेकिन वह सभी को नहीं रोक पाए। इस हादसे में भेड़ पालकों को भारी नुकसान हुआ है।
सावडा चौकी के एएसआई सोहन लाल ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि करीब 150 से 200 भेड़ बकरियों की गिरने से मौत हुई है। अभी मरी हुई बकरियों को निकाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि मामला दर्ज कर आगामी कार्यवाई अमल में लाई जा रही है।
स्थानीय पंचायत प्रधान बोबी ने कहा कि 15 दिन पहले भी इसी स्थान पर गिरने से 65 बकरियों की मौत हो गई थी। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग व वन विभाग को इस स्थान पर कांटेदार तारों से फेंसिंग करने को कहा है, ताकि दोबारा इस तरह की घटना न हो। साथ ही प्रशासन से प्रभवितों को राहत राशि देने के लिए आग्रह किया है।उप-प्रधान सत्य देव ने भी इस घटना पर अपना दुख जताया तथा प्रशासन से आग्रह किया कि वहां पर ऐसी व्यवस्था की जाए ताकि फिर से ऐसी घटना न हो।