एंबुलेंस सेवा ने प्रदेश भर के सभी जिलों में अब तक 43821 कोविड पॉजिटिव मरीजों को विभिन्न स्थानों से कोविड समर्पित स्वास्थ्य संस्थानों में पहुंचा कर उन्हें समय पर उपचार उपलब्ध करवाने में अपना योगदान दिया
शिमला : स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में संचालित की जा रही एंबुलेंस-108 और जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम-102 (जेएसएसके-102) सेवा कोविड-19 के दौरान कोरोना संक्रमित हजारों लोगों के जीवन को बचाने का माध्यम बनी हैं। कोविड-19 मरीजों के टेस्ट करने, आपातकालीन स्थिति में कोविड संक्रमित मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के अलावा स्वस्थ हुए मरीजों को घर छोड़ने में इस सेवा ने बहुमूल्य सेवाएं प्रदान की हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 के आरम्भ से ही कोविड के गंभीर मरीजों को आपातकालीन स्थिति में स्वास्थ्य संस्थानों में पहुंचाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी एनएएस-108 दी गई हैं। कोविड ड्यूटी के लिए तैनात की गई इस एंबुलेंस सेवा ने प्रदेश भर के सभी जिलों में अब तक 43821 कोविड पॉजिटिव मरीजों को विभिन्न स्थानों से कोविड समर्पित स्वास्थ्य संस्थानों में पहुंचा कर उन्हें समय पर उपचार उपलब्ध करवाने में अपना योगदान दिया हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि कोविड मरीजों को अस्पताल पहुंचाने का जिम्मा जहां एंबुलेंस-108 को सौंपा गया है, वहीं इस बीमारी से स्वस्थ होने वाले मरीजों को स्वास्थ्य संस्थानों से वापस घर छोड़ने का कार्य एंबुलेंस सेवा जेएसएसके-102 को सौंपा गया हैं। कोविड-19 बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की ओर से मांग आने पर अब तक जेएसएसके-102 सेवा ने प्रदेश भर में 42 एंबुलेंस के माध्यम से लगभग 5698 लोगों को उनके घर पहुंचाने में अपना योगदान दिया हैं।
उन्होंने कहा कि दुर्गम व ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड-19 की जांच के लिए सैंपल एकत्रित करने का कार्य भी जेएसएसके-102 एम्बुलेंस को सौंपा गया है। इस सेवा के माध्यम सेे प्रदेश भर में अब तक कुल 270474 सैंपल कोविड-19 की जांच के लिए एकत्रित किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि 4 से 10 अक्तूबर, 2021 तक एनएएस-108 ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में लगभग 61 बार कोविड-19 आपातकालीन स्थितियों में मरीजों को अस्पताल पहुंचाया है जबकि जेएसएसके-102 ने इसी अवधि के दौरान कोविड-19 जांच के लिए 304 सैंपल एकत्रित किए हैं।