शिमला : ठियोग विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को तगड़ा झटका लगा है। यहां इंदु वर्मा ने पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया है। उन्होंने आज दिल्ली में हिमाचल प्रभारी राजीव शुक्ला की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ली। इंदु वर्मा से पहले भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष खिमी राम शर्मा, शिमला में भाजपा के पूर्व पार्षद भी कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं।
इंदु वर्मा भाजपा महिला मोर्चा की राज्य कार्यकारिणी सदस्य रही हैं। लंबे समय से इनकी कांग्रेस में शामिल होने की चर्चाएं चल रही थी। जानकारी है कि प्रशांत किशोर और कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता की ओर से ठियोग में कराए सर्वे के बाद इंदु वर्मा को कांग्रेस में शामिल किया है।कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला ने कहा कि इंदु वर्मा ने टिकट देने और नहीं देने का निर्णय पार्टी हाईकमान पर छोड़ा है।
ऐसे में यदि कांग्रेस पार्टी इंदु को ठियोग से अपना प्रत्याशी बनाती है तो कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर और 2017 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले दीपक राठौर का टिकट कटना तय है। इंदु के जॉइन करने के बाद ठियोग में कांग्रेस के टिकट के तीन मुख्य दावेदार हो गए हैं।
राजीव शुक्ला ने कहा कि हिमाचल भाजपा में लगातार भगदड़ मची हुई है। उपचुनाव के नतीजों के बाद निरंतर माहौल भाजपा के खिलाफ बन रहा है। बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार, युवाओं, बागवानों इत्यादि मसले पर भाजपा के खिलाफ लोगों में जबरदस्त रोष है। उन्होंने कहा कि इंदु वर्मा के परिवार का पूरे शिमला जिला में बड़ा प्रभाव है।
मसलन इनके पार्टी में शामिल होने से कांग्रेस को मजबूती मिलेगी।इंदू वर्मा दिवंगत विधायक राकेश वर्मा की पत्नी हैं। राकेश वर्मा ठियोग में कांग्रेस की कद्दावर नेता विद्या स्टोक्स को हरा चुके हैं। वह तीन बार विधायक रहे हैं। एक बार वह BJP से चुनाव जीते, दो बार निर्दलीय भी ठियोग क्षेत्र का नेतृत्व कर चुके हैं। 2017 में राकेश वर्मा BJP के टिकट पर चुनाव लड़े थे। वर्मा का 2020 में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।
ये रहा कारण
इंदु वर्मा खुद लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं। इंदु घूंड वार्ड और ठियोग के देवरीघाट वार्ड से जिला परिषद सदस्य रह चुकी हैं। उनकी जनता के बीच अच्छी छवि है। वह 20 साल से महिला जागरूकता मंच भी चला रही हैं। इंदु वर्मा की जॉइनिंग के दौरान दिल्ली में AICC सचिव सुधीर शर्मा और विधायक अनिरुद्ध सिंह भी मौजूद रहे।इंदू वर्मा को ठियोग से भाजपा के टिकट की सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा था। मई माह में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने बयान दिया कि पूर्व विधायकों और सांसदों के परिवार के किसी भी सदस्य को टिकट नहीं दिया जाएगा। यह भाजपा हाईकमान का नीतिगत फैसला है। इसके बाद से ही कांग्रेस नेता भी इंदु वर्मा को निरंतर पार्टी में शामिल करने के प्रयास कर रहे थे।