कठिन काम के लिए चुनी जाती है सरकार : शैलेन्द्र
सरकारी विभागों में समायोजित कर समाप्त की जाय आउटसोर्स पालिसी
शिमला : आउटसोर्स कर्मचारी मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से एक बार फिर से जल्द मिल सकते हैं। जैसे ही सी एम पंजाब से लौटेंगे आउटसोर्स कर्मचारी उनसे मिलने का कार्यक्रम बना रहे हैं। साथ ही सरकार पर दबाव बनाने के लिए ये कर्मचारी पेन डाउन स्ट्राइक भी कर सकते हैं।
हि० प्र० आउसोर्स कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष शैलेन्द्र शर्मा मुख्यमंत्री के उस बयान पर पर जिसमें सी एम ने उनसे मिलने आये आउटसोर्स कर्मचारी को हर जगह एक बात बडी जोर देकर कही कि ये बहुत कठिन काम है इसलिए समय लग रहा है। पर कहा कि कठिन काम को करने के लिए ही सरकारें चुनी जाती है।
हि० प्र० आउसोर्स कर्मचारी महासंघ शैलेन्द्र शर्मा ने कहा कि मतदान अर्थात हम प्रदेश के आम जन अपने मत का दान करने के लिए एक लोकतान्त्रिक अधिकार का प्रयोग करते हुए अपने हितों की रक्षा के लिए तथा समृद्धि के लिए एक सरकार का चुनाव करते है। फिर वह सरकार अपना एक मुखिया बनाती है, जिसके पास अनेको ऐसे भी अधिकार दिए जाते हैं जहाँ पर वह उस प्रदेश की एक बड़ी संख्या के पक्ष में वह अनेकों निर्णय ले सकता है। जैसे उदाहरण के तौर पर किसी संस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए अध्यक्ष ले सकता है।
ऐसी परिस्थितियों में आज प्रत्येक आउटसोर्स कर्मचारी बड़े साफ एंव स्पष्ट शब्दों में नौकरी की सुरक्षा एवं विभाग में समायोजन की बात कर रहा है। जिससे अनेकों परिवारों लगभग लाखों में लाभान्वित होने वाले है। प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इसको प्रदेश हित में इन कर्मचारियों के लिए इस तरह की नीति ला सकते है यदि उनकी सरकार की मंशा है। जहाँ तक सुझावों की बात है तो महासंघ पत्राचार के माध्यम से सरकार को बार-बार सुझाव देता रहा है। जिसमें खेल एवं युवा सेवा मंत्री कार्यालय से जवाब भी मिला कि ये कर्मचारी जो मांग कर रहे है वो सही है किसी सरकारी एजेंसी (सोसाइटी) के माध्यम से इनकी सेवाएं ली जानी चाहिए क्योंकि ठेकेदारों या प्राइवेट कम्पनीयों के माध्यम से इनका निरंतर शोषण हो रहा है जो प्रदेश के मुख्यमंत्री भी विधानसभा में मान चुके है।
यदि आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए सब कमेटी का गठन किया गया है तो कहीं ना कहीं सरकार और मन्त्रीमंडल की उप समिति जिसमें वरिष्ठ मंत्री है उनका दायित्व बनता है की वह इन कर्मचारियों द्वारा विभागों में वर्षो से दी गयी सेवाओं को ध्यान में रखते हुए इनके विभाग में समायोजन के लिए नीति बनाएं और आउटसोर्स प्रथा को समाप्त करें और सरकारी विभागों और संस्थाओं को सुदृढ़ करें।
उन्होंने कहा कि वह यहां यह भी साफ करना चाहते है कि इस पर यदि सरकार शीघ्र कोई बड़ा कदम नहीं उठाती तो प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से महासंघ के पदाधिकारी शीघ्र पंजाब चुनाव के उनके दौरे से लौटने के पश्चात मुलाकात करके कलमबंद हड़ताल पर जाने जैसा कदम भी उठाना पड़ सकता है। किन्तु महासंघ एवं प्रदेश के 35 से 40 हजार कर्मचारियों को पुर्ण विश्वास है कि आगामी बजट में प्रदेश सरकार इस पर आवश्यक नीति लेकर आएं और इस प्रदेश व्यापी हड़ताल की नौबत नहीं आने दें।