शिमला: एसजेवीएन लिमिटेड ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए निर्धारित पूंजीगत व्यय बजट उपयोग (कैपेक्स) लक्ष्य का 90 प्रतिशत वित्तीय वर्ष समाप्ति से तीन महीने पहले ही दिसंबर 2021 में प्राप्त कर लिया है।
नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने बताया कि 31 दिसंबर 2021 तक 4510 करोड़ रुपये के कैपेक्स उपयोग लक्ष्य का 90% प्राप्त करके, एसजेवीएन केंद्रीय विद्युत सार्वजनिक उपक्रमों में शीर्ष प्रदर्शनकर्ताओं में से एक के रूप में उभरा है। पूंजीगत व्यय पनबिजली, थर्मल, पवन और सौर क्षेत्रों में कंपनी की चल रही कई परियोजनाओं परकिया गया है। बिहार में एसजेवीएन की 1320 मेगावाट की बक्सर ताप विद्युत परियोजना, नेपाल में 900 मेगावाट की अरुण -3 जल विद्युत परियोजना, हिमाचल प्रदेश में 210 मेगावाट की लुहरी जल विद्युत परियोजना और 66 मेगावाट की धौलासिद्ध जल विद्युत परियोजनाऔर 60 मेगावाट की नैटवर मोरी जल विद्युत परियोजना उत्तराखंड में निर्माणाधीन है और पूंजीगत व्यय का बड़े पैमाने पर उपयोग कर रही है। कैपेक्सउपयोग चल रहे कार्यों की गति और मात्रा को दर्शाता है।
कर्मचारियों को बधाई देते हुए नन्द लाल शर्मा ने कहा, वित्त वर्ष 2021-22 के 9 महीनों में ही 4510 करोड़ रुपये का कैपेक्स उपयोग हमारे लिए एक बड़ी उपलब्धि है। 2022-23 के लिए, एसजेवीएन के लिए कैपेक्स लक्ष्य 8,000 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है और जिस गति से कई परियोजनाओं को क्रियान्वित करने का काम चल रहा है, कंपनी अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए तैयार है।
शर्मा ने केंद्रीय विद्युत और एनआरई मंत्री, आर.के. सिंहका निरंतर मार्गदर्शन और नियमित निगरानी के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आर.के.सिंह ने परियोजनाओं के कार्यान्वयन की नियमित समीक्षा पर जोर दिया तथा सीपीएसयू को पूंजीगत व्यय की गति में तेजी लाने के लिए प्रोत्साहित किया।केंद्रीय विद्युत सार्वजनिक उपक्रमों में एसजेवीएन पूंजीगत व्यय बजट उपयोग में दूसरे स्थान पर है।
विद्युत मंत्रालय ने अपने कैपेक्स लक्ष्यों को प्राप्त करने में विद्युत क्षेत्र के सीपीएसई के मध्य शीर्ष निष्पारदनकर्त्ता ओं के मध्यर रैंकिंग प्राप्तर करने के लिए एसजेवीएन के प्रयासों की सराहना की है।
एसजेवीएन ने वर्ष 1988 में एकल जलविद्युत परियोजना के साथ प्रारंभ करके तीव्र वृद्धि के साथआज,कंपनी के पास 16000 मेगावाट से अधिक का पोर्टफोलियो है, जिसमें से 2016.5 मेगावाट प्रचालनाधीन है और शेष विकास के विभिन्न चरणों में है। वर्तमान में, एसजेवीएन की भारत के 9 राज्यों तथा 2 पड़ोसी देशों नेपाल और भूटान में उपस्थिति हैं। कंपनी ने विद्युत उत्पादन और ट्रांसमिशन के अन्य क्षेत्रों में भी विविधीकरण किया है।
एसजेवीएन ने वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 12000 मेगावाट और 2040 तक 25000 मेगावाट क्षमतागत वृद्धि का अपना साझा विजन निर्धारित किया है।
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