शिमला : मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश में तीन महीने में सामान्य जाति वर्ग आयोग का गठन किए जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा देवभूमि क्षत्रिय संगठन और देवभूमि स्वर्ण मोर्चा के बैनर तले विधानसभा के बाहर लोगों के उग्र प्रदर्शन के बाद की। सीएम की घोषणा के साथ ही देवभूमि क्षत्रिय संगठन और स्वर्ण मोर्चा ने प्रदर्शन खत्म करने का निर्णय लिया है। आयोग के गठन की मांग को लेकर सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग तपोवन से करीब एक किलोमीटर पीछे जोरावर स्टेडियम में एकत्रित हुए थे। इसके बाद उग्र भीड़ ने विधानसभा घेरने की कोशिश की। प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए और तपोवन विधानसभा परिसर के बाहर पहुंच गए।
कुछ प्रदर्शनकारियों ने विधानसभा परिसर के भीतर घुसने की कोशिश की। अग्निशमन विभाग की गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया। इसके बाद पुलिस और अग्निशमन विभाग के कर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पानी की बौछार की। प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी भी की जिसमें कुछ लोग घायल हो गए। डीजीपी और डीसी की गाड़ियों का भी घेराव किया गया। डीजीपी संजय कुंडू और डीसी कांगड़ा निपुण जिंदल कुछ देर के लिए भीड़ के बीच फंसे रहे। इसके बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदर्शनकारियों से बात की लेकिन वे सवर्ण आयोग की घोषणा पर अड़े रहे। सीएम ने बजट सत्र का वक्त मांगा लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं माने और लिखित में आश्वासन मांगा। इस दौरान विधानसभा में पूरी सरकार के बंधक बनने जैसे हालात हो गए थे।
विधानसभा से बाहर जाने वाला एक ही रास्ता है जो प्रदर्शनकारियों के कब्जे में है। इसके बाद स्थिति और तनावपूर्ण होती देख सीएम जयराम ने तीन महीने में सामान्य जाति आयोग गठन की विधानसभा में घोषणा की। इसके प्रदर्शनकारी मानने को तैयार हुए। इससे पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सिर्फ मध्य प्रदेश ही में सामान्य जाति वर्ग आयोग है। सरकार ने प्रदेश में गठन के आयोग को स्वीकार किया है। एक्ट का प्रावधान करके सवर्ण आयोग का गठन किया जाएगा। देवभूमि क्षत्रिय संगठन और देवभूमि स्वर्ण मोर्चा भी मध्य प्रदेश के आधार पर आयोग गठित करने की मांग कर रहा है।
देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रदेशाध्यक्ष रुमित सिंह ठाकुर और देवभूमि स्वर्ण मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष मदन लाल ठाकुर ने कहा कि आजतक सभी राजनीतिक दलों ने स्वर्ण समाज के साथ छलकपट और भेदभाव की राजनीति ही की है। जातिगत आरक्षण को जल्द खत्म किया जाना चाहिए। सरकार आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू करे। उन्होंने कहा कि 2018 से उन्होंने सवर्ण हितों की लड़ाई शुरू की है। यह हक मिलने तक जारी रहेगी। नेताओं को तभी वोट मिलेगा, जब वे सवर्ण समाज के हितों का सम्मान करेंगे। हिमाचल प्रदेश में सवर्ण आयोग के गठन की मांग पर देवभूमि क्षत्रिय संगठन और देवभूमि सवर्ण मोर्चा ने सरकार के खिलाफ नवंबर में 800 किलोमीटर की पदयात्रा की थी।