वीरभद्र ने अपने खाते से दी थी नर्सिंग की लड़की की फीस: मुकेश
क्षेत्रवाद की खाई को पाटने का काम किया वीरभद्र सिंह ने
शिमलाः
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन पांच वर्तमान व पूर्व विधायकों के निधन पर शोक व्यक्त किया। अग्निहोत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को याद करते हुए कहा कि उनके निजी आवास हॉलीलॉज के दरवाजे हमेशा ही सभी के लिए खुले होते थे। यहां पर कोई भी उनसे बिना समय लिए मिल सकता था। अग्निहोत्री ने कहा कि एक बार दो बेटियां वीरभद्र सिंह से मिलने आई व उनके पास रोने लगी। लड़कियों ने अपनी समस्याओं से वीरभद्र सिंह को अवगत कराया तथा कहा कि उनके पास फीस के लिए पैसे नहीं है। बतौर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने तत्काल कहा कि जो लड़की नर्सिंग कॉलेज में है उसकी फीस मेरे एकाउंट से दी जाए तथा इस लड़की की पूरी फीस उन्होंने अपने एकाउंट से दी। दूसरी लड़की की फीस माफी के लिए उन्होंने निदेशक शिक्षा को फोन किया। अग्निहोत्री ने कहा कि वीरभद्र सिंह ने राजनीति में एक मिसाल पेश की। इस तरह की प्रतिभा दुर्लभ ही मिलती है। उन्होंने वीरभद्र की शख्यिसत को देखते हुए सरकार से रिज मैदान पर उनकी प्रतिमा स्थापित करने की भी मांग की।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि वीरभद्र सिंह का पर्वतीय व्यक्तित्व रहा। हालांकि वह राजा परिवार में पैदा हुए, लेकिन उन्होंने लोगों के दिलों पर राज किया। सत्ता में हो या न हो उनके व्यवहार में कोई भी परिवर्तन नहीं होता था। ज्वाहरलाल नेहरू से लेकर नरेंद्र मोदी तक सभी के साथ काम किया। परमार यदि हिमाचल का निर्माता है तो वीरभद्र सिंह को आधुनिक निर्माता थे। प्रदेश में विकास के रंग भरे व दलगत राजनीति से उपर उठकर काम किया तथा पूरे प्रदेश का संतुलित विकास किया व क्षेत्रवाद की खाई को पाटने का काम किया। वह न तो किसी जाति व न ही किसी क्षेत्र विषेश के नेता बनने के पक्षधर थे। उनके निजी आवास हॉलीलॉज में कोई भी व्यक्ति बिना समय मांगे उनसे मिल सकते थे। उन्होंने कहा कि हिमाचल में गत्ते की पेटियां शुरू की। माता पिता पोषण योजना लेकर आए। इसके लिए विपक्ष के लोग भी उनसे मिले।
हरियाणा के सीएम ने ब्यान दिया था कि हिमाचल का 7.19 प्रतिशत हिस्सा है जैसे भारत पाकिस्तान पर क्लेम करता है, लेकिन वह इतना गुस्सा हुए कि वीरभद्र ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में दायर किया, जो बड़ा कदम था।
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